हुड्डा सरकार में चयनित जेबीटी प्रक्रिया की स्वतंत्र एजेंसी से जांच हो : सरदाना
जागरण संवाददाता, सिरसा : हरियाणा अचयनित प्राथमिक अध्यापक संघ का आरोप है कि अगस्त 2014 से लेकर अब त
जागरण संवाददाता, सिरसा :
हरियाणा अचयनित प्राथमिक अध्यापक संघ का आरोप है कि अगस्त 2014 से लेकर अब तक जेबीटी भर्ती प्रक्रिया में अनियमिमताओं के चलते जेबीटी पद के योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार किया गया। तत्कालीन सरकार की इस भेदभाव एवं पक्षपात पूर्ण नीति का संघ ने विरोध करते हुए अपनी जायज मांग के लिए प्रदेश सरकार से मांग की कि तत्कालीन सरकार में हुई इस जेबीटी भर्ती प्रक्रिया की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए। संघ के प्रदेशाध्यक्ष संदीप सरदाना ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 8 नवंबर 2012 को तत्कालीन हुड्डा सरकार ने जेबीटी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करवाया था, जिसके तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि 8 दिसंबर 2012 थी, जबकि फीस जमा करवाने की अंतिम तिथि 12 दिसंबर 2012 रही। आरोप है कि हुड्डा सरकार ने आवेदन तिथि से पूर्व ही अपने चहेतों को जेबीटी की नियुक्ति दे दी थी और इससे योग्य उम्मीदवार को बेरोजगार रहना पड़ा। सरदाना ने कहा कि हुड्डा सरकार की यह घपलेबाजी तब उजागर हुई, जब हाईकोर्ट ने हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से दी गई एक पैन ड्राइव की जांच सीएफएसएल से करवाई। हरियाणा स्कूल टीचर्स सिलेक्शन के तत्कालीन चेयरमैन ने भी एक शपथ-पत्र के जरिए हाईकोर्ट को बताया था कि उस समय जेबीटी भर्ती के लिए साक्षात्कार बोर्ड के एक सदस्य द्वारा ही की गई थी, जबकि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि साक्षात्कार एक व्यक्ति ने नहीं, कई व्यक्तियों ने लिया है। सरदाना ने कहा कि हरियाणा स्कूल टीचर्स सिलेक्शन ने हाईकोर्ट में यह कबूला था कि यह गलती कंप्यूटर की तकनीकी खराबी की वजह से हुई है, लेकिन सीएफएसएल की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि यह कोई तकनीकी खराब नहीं, बल्कि कंप्यूटर के रिकॉर्ड से मैनुअल छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने चयनित जेबीटी उम्मीदवारों द्वारा मौजूदा सरकार पर दवाब बनाने के लिए किए जा रहे धरना प्रदर्शनों की ¨नदा करते हुए सरकार से मांग की कि तत्कालीन सरकार के समय में जेबीटी भर्ती प्रक्रिया में हुई अनयिमतताओं की जांच स्वंतत्र एजेंसी से करवाई जाए। इस मौके पर संघ उपाध्यक्ष नरेश कुमार, प्रदीप कुमार, बिहारी लाल भी मौजूद रहे।