सुलभ शौचालयों की कमी झेल रहा शहर
महेंद्र ¨सह मेहरा, सिरसा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को स्वच्छ बनाने के लिए प्रशासनिक दावे जमीनी ह
महेंद्र ¨सह मेहरा, सिरसा
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को स्वच्छ बनाने के लिए प्रशासनिक दावे जमीनी हकीकत के सामने बेहद कमजोर है। पूरा शहर सुलभ शौचालयों की कमी झेल रहा है।रिहायशी इलाके तो क्या शहर के बाजारों में भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। जिससे जगह-जगह दीवारों को ही मूत्रालय बनाकर शहर को गंदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। दीवारों के आसपास फैली गंदगी स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाती नजर आती है। आसपास के लोगों का बदबू की वजह से जीना भी मुश्किल हो गया है। यह बदबू किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को बीमार कर सकती है। मगर सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इस अव्यवस्था को बदलने में किसी की दिलचस्पी नहीं है। न जिला प्रशासन तो न नगर परिषद।
तीन श्रेणी के बनने थे शौचालय
स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक शहर में तीन श्रेणी के शौचालयों का निर्माण किया जाना था। जिनमें घरों के अंदर निजी, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय। शहर में सामुदायिक शौचालय ऐसे तंग या स्थान अभाव वाले स्थानों पर बनाये जाने थे। मगर शहर में पर्याप्त मात्रा में सुलभ शौचालयों का निर्माण कार्य नहीं किया गया। वहीं सामुदायिक शौचालय के लिए जगह तो नगर परिषद ने निर्धारित कर दी। इसके बाद प्रपोजल भी तैयार कर दिया गया। मगर इसके बाद अभी तक शौचालय का निर्माण कार्य नहीं किया गया है। इससे विभिन्न कॉलोनीवासी व झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले व्यक्ति को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
:::: हर कोई झेल रहा परेशानी
शहर में हाथी पार्क के पास, नेहरू पार्क, रानियां रोड, पुरानी कमेटी रोड, बस स्टैंड के पास, हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनी, डाकघर मोहंता मार्केट, हुडा कॉप्लेक्स, टाउन पार्क में शौचालय का निर्माण किया गया है। जिनमें मात्र तीन जगह डाकघर, टाउन पार्क व नेहरू पार्क के पास बने शौचालय ही ठीक हालत में है। बाकी सभी शौचालयों की हालत खस्ता है। यहां पर कोई भी व्यक्ति पेशाब तक नहीं कर सकता है। शौचालय के अंदर सफाई की कोई विशेष व्यवस्था नहीं होने से भी गंदगी का आलम है।
:::: निशानदेही कर ली गई, पर बाकी काम नहीं
शहर में कई कॉलोनी के अंदर रहने वाले व्यक्तियों के घरों में शौचालय नहीं बने हैं। जिस पर नगर परिषद ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए प्रपोजल तैयार किया। जिसके तहत जेजे कॉलोनी, बेगू रोड पर मेला गाउंड, डबवाली रोड, ¨सगीकाट मोहल्ला व अन्य जगह पर निशानदेही करवाई गई। मगर अभी तक सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण नहीं किया गया है। जबकि इन स्थानों पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहने वाले व्यक्ति रहते हैं। जो खुले में ही शौच करते हैं।
::::: गांवों में तो बना दिए 13 हजार से ज्यादा शौचालय
जिले के विभिन्न गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 13 हजार 577 शौचालयों का निर्माण तो करवा दिया गया। इन शौचालयों के निर्माण पर करीब 18 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई। इसके बाद भी बहुत से गांवों में घरों के अंदर शौचालय नहीं है। शहर के अंदर करीब 20 जगह सामुदायिक शौचालय, 10 कॉलोनी में सार्वजनिक शौचालयों की तो बेहद जरूरत है।
:::::::::: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में झुग्गी झोपड़ी के अंदर रहने वाले परिवारों के लिए सार्वजनिक तौर पर शौचालय बनाये जाने थे। जिनका प्रपोजल तैयार कर भेजा गया है। इन स्थानों पर जल्द ही शौचालय बनाने का कार्य किया जाएगा।
देवेंद्र बिश्नोई, मुख्य सफाई निरीक्षक, नगर परिषद