जैन धर्म में है तप का शुद्ध स्वरुप : साध्वी जिनबाला
जागरण संवाददाता, सिरसा : स्थानीय तेरापंथ भवन में आचार्य महाश्रमण की विदुषी शिष्या साध्वी जिनबाला
जागरण संवाददाता, सिरसा :
स्थानीय तेरापंथ भवन में आचार्य महाश्रमण की विदुषी शिष्या साध्वी जिनबाला के सानिध्य में एक माह तक पानी के आधार पर कठोर तपस्या करने वाली सुमन बाठियां का तप अभिनंदन समारोह हुआ। उनके साथ नौ दिन का उपवास करने वाली नोहर की तमन्ना, आठ दिन का उपवास करने वाली मंजू लूनिया व सुशीला बोर्ड के साथ-साथ 17 दिन का उपवास करने वाले विमल नौलखा का भी अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में सिरसा के विधायक मक्खन लाल ¨सगला, तेरापंथ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रमोद जैन व प्रांतीय पदाधिकारी, शासन सेवी पदम जैन, अणुव्रत सभा के कोषाध्यक्ष मक्खन लाल गोयल विशेष रुप से उपस्थित थे। साध्वी जिनबाला ने सुमन बाठियां व अन्य तपस्वियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक केवल पानी का उपवास करना अत्यंत कठोर तपस्या है। तप का जैसा शुद्ध स्वरुप जैन धर्म में देखने को मिलता है वह अन्यत्र दुर्लभ है क्योंकि इसमें सूर्यास्त के बाद पानी भी नहीं पी सकते। ऐसा 30 दिन का कठोर तप करके सुमन ने अत्यंत सराहनीय कार्य किया है जो दूसरों के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि तप के द्वारा अशुभ कर्मों की निर्जरा होती है उसके साथ पुण्य का बंध स्वत: होने वाला फल है। कार्यक्रम का शुभारंभ रजनी बोथरा द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण द्वारा हुआ। महिला मंडल की तरफ से ¨पकी गोलछा ने तपस्या को ज्ञानी से अधिक महत्वपूर्ण बताया। कन्या मंडल ने गीतिका प्रस्तुत की और महिला मंडल व युवक मंडल द्वारा संयुक्त रुप से साध्वी जिनबाला द्वारा रचित तपस्वियों के सम्मान में अभिनंदन गीत प्रस्तुत किया। विधायक मक्खन लाल ¨सगला ने श्रावक-श्राविकाओं को तप की प्रेरणा देने के लिए साध्वी का आभार जताया। एसएस जैन सभा रोड़ी बाजार के प्रधान नेम चंद जैन व सचिव प्रेम बाबेल ने तपस्वियों को शाल पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर हनुमानमल गुजरानी, फतेहाबाद से संजय जैन, देवेन्द्र डागा, दीपक पुगलिया, मंजू गोलछा, पूजा नाहटा, ¨पकी गोलछा, कुसुमलता गोयल, प्राचार्या सुमन गौतम, संजय गर्ग आदि उपस्थित थे।