कोख में भ्रूण का कत्ल गो हत्या समान : जयाकिशोरी
जागरण संवाददाता, सिरसा : रानियां रोड स्थित श्री तारकेर्श्वर धाम में नानी बाई को मायरो कथा श्रवण क
जागरण संवाददाता, सिरसा :
रानियां रोड स्थित श्री तारकेर्श्वर धाम में नानी बाई को मायरो कथा श्रवण करने के लिए शहर व आसपास के कस्बों, गांवों व ढाणियों से श्रद्धालु पहुंचे। कथा के दौरान कथा वाचक जया किशोरी ने कृष्ण-सुदामा की दोस्ती, कृष्ण व भक्त नरसी का भक्ति कथा के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर भी ¨चतन किया।
कथा के तीसरे दिन जया किशोरी ने भ्रूण हत्या पर चोट की। उन्होंने श्रद्धालुओं को ¨लग भेद समाप्त करने और कन्या को बढ़ावा देने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि कोख में भू्रण हत्या किया जाना गो हत्या के समान है। धर्म ग्रंथों के अनुसार गोहत्या करने वाले को मोक्ष प्राप्त नहीं होता। इसी प्रकार जो लोग पुत्र की चाह में कोख में बेटी का कत्ल करवाते हैं उन्हें भी मोक्ष प्राप्त नहीं होगा।
जयाकिशोरी ने कहा कि सामाजिक ताने-बाने में कन्या को जन्म देने वालों को लाचार और मजबूर माना जाता रहा है। दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों ने ¨लगभेद को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक बदलाव की जरूरत है। सरकार की ओर से कदम बढ़ाए जा रहे हैं लेकिन हर व्यक्ति को इस कार्य में सहयोग करना होगा। लड़के और लड़कियों में कोई अंतर नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के इस दौर में लड़का-लड़की में भेद करना सरासर अनुचित है। उन्होंने कहा कि बेटी तीन घरों में उजियाला लाती है। उन्होंने बच्चों को संस्कार देने का आह्वान किया।
नानी बाई को मायरो कथा के दौरान उन्होंने भक्त नरसी और भगवान कृष्ण के प्रेम कथा का वर्णन किया। प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भक्त नरसी टूटी फूटी गाड़ी और बूढ़े मरियल बैल लेकर अंजारनगर रवाना होते हैं। मायरे के नाम पर छोटी मोटी तुमड़िया, गोपी चंदन और करताल ही उनके पास है। रास्ते में उनकी गाड़ी टूट जाती है। भगवान कृष्ण को उन पर दया आती है और वे सहायता करने के लिए बढ़ई का वेश धारण कर वहां पहुंचते हैं और नरसी की गाड़ी सुधारते हैं। बीमार बैलों के सिर पर हाथ फेरते हैं तो बैल स्वस्थ हो जाते हैं। इस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्त की मदद करने के लिए स्वयं अवतरित होते हैं। कथा के समापन पर पूर्व मंत्री गोपाल कांडा, अनुज गो¨बद कांडा व परिवारजनों ने बाबा तारा जी की आरती की।