सीडीएलयू में पानी की नहीं होती कद्र, पार्को में खुला छोड़ा जा रहा पानी
जागरण संवाददाता, सिरसा : एक तरफ तो लोग पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभाग
जागरण संवाददाता, सिरसा :
एक तरफ तो लोग पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों में पानी की बड़े स्तर पर बर्बादी की जा रही है। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में अनेक पार्क है जिनको हराभरा रखने के लिए पानी को व्यर्थ बहाया जा रहा है। पानी की अधिक से अधिक बचत करने के लिए प्रदेश सरकार भी किसानों से आग्रह करते हुए टपका व फव्वारा ¨सचाई करने के लिए जागरूक कर रही है। परंतु शिक्षण संस्थान में तो फव्वारा इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से व्यवस्था है परंतु इसके बावजूद पार्को में पानी बचत की तकनीक प्रयोग करने की बजाय पानी सप्लाई को खुला छोड़ा जा रहा है।
शहर के अधिकतर एरिया, कालोनियों व सेक्टर आदि पेयजल संकट बना हुआ है। घरों में जरूरत के मुताबिक पानी नहीं पहुुंच पाने से लोगों के हालात बुरे हो चुके हैं, जिसके चलते काफी परेशानियों से गुजरना भी पड़ता है। लोग पानी किल्लत के चलते आर्थिक बोझ उठाकर टैंकर आदि से पानी मंगवा रहे है। लेकिन चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में न तो यहां का प्रशासन पानी की कीमत जान रहे है और न ही जिन कर्मचारियों की जिम्मेवारी लगाई है वो अपनी काम सही तरीके से निभा रहे है। जिसके चलते यहां प्रत्येक दिन हजारों लीटर पानी बिना जरूरत के बर्बाद होता रहता है।
फव्वारा व पाइप से नहीं होता छिड़काव
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में अनेक पार्क है, हर पार्क में हरी घास को कायम रखने के लिए नल पोइंट रखे गए है। ताकि इनमें फव्वारा व पाइप लगाकर पानी का छिड़काव किया जा सके। बाकायदा इसके लिए माली भी रखे गए है। लेकिन विडंबना पानी बचत रखने वाले किसी भी उपकरण का प्रयोग न करते हुए नल को खुला चला दिया जाता है। जिससे कई बार तो पार्क में तालाब के सामान पानी भर जाता है।
नहीं आता माली नजर
पार्क की देखभाल व व्यवस्था बनाए रखने के लिए बाकायदा माली रखा गया है लेकिन इसके बावजूद पार्क में पानी देने के लिए माली कहीं नजर नहीं आता। हालांकि माली पर लगने वाला पैसा तो बर्बाद होता ही है साथ में पानी सप्लाई चलाए जाने पर बिजली व पानी दोनों की बर्बादी साथ होती रहती है।