पाबंदी के बाद भी शहर में भारी वाहनों का प्रवेश
चित्र : 02 जागरण संवाददाता, सिरसा : शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों के लिए विशेष दिशा निर्दे
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जागरण संवाददाता, सिरसा : शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों के लिए विशेष दिशा निर्देश लागू किए गए हैं। बाकायदा इसके लिए जगह-जगह साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं। जिनपर समय दर्शाया गया है कि सुबह 8 बजे के बाद व रात्रि 8 बजे के बाद ही प्रवेश कर सकते है, लेकिन जो नियम प्रशासन द्वारा बनाए गए हैं वह सभी खोखले नजर आ रहे हैं। दिशा-निर्देशों के दरकिनार करते हुए भारी वाहन चालक शहर में प्रवेश कर जाते हैं दूसरी ओर, ऐसे वाहन चालकों पर अंकुश लगाने वाले अधिकारी भी रोक पाने में नाकाम साबित होते जा रहे हैं। शहर में भीड़ वाले बाजारों में तो भारी वाहनों प्रवेश से स्थिति काफी हद तक बिगड़ जाती है।
भारी वाहन जाम का बनते हैं मुख्य कारण
भीड़भाड़ वाले बाजारों में भारी वाहनों के कारण जाम की स्थिति भी बन रही है। जाम के कारण वाहनों की लंबी कतार दूर-दूर तक लग जाती है। वहीं जाम में फंसे अन्य वाहनों चालकों को घंटों तक इंतजार करना पड़ता है।
शहर के चारों दिशाओं में लगाए गए बोर्ड
भारी वाहनों को दिशा निर्देश देने के लिए शहर में सभी सड़कों पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इसमें डबवाली रोड, बरनाला रोड, हिसार रोड, रानियां व ऐलनाबाद रोड, बेगू रोड आदि जगहों पर स्थापित किए गए है, लेकिन इसके बावजूद भी यह वाहन शहर के अंदर आसानी से प्रवेश कर जाते हैं।
चौक चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मचारी
यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले वाहनों चालकों पर नकेल कसने के लिए शहर के अनेक चौक चौराहों पर यातायात पुलिस व होमगार्ड के जवान तैनात हैं, लेकिन देखा जाता है कि यही जवान अधिकतर दुपहिया वाहनों को ही रोकते नजर आते हैं। लेकिन भारी वाहनों नजरों के सामने निकल जाते हैं।
इन बाजारों में होती है अधिक समस्या
भादरा बाजार, हिसारियां बाजार, सदर बाजार, नोहरियां बाजार, रोड़ी बाजार व इसी के साथ लगते अन्य बाजारों में देखा जाए तो भारी वाहनों से अधिक परेशानी होती है। यह बाजार काफी संकरे होने के चलते अधिक चहलपहल वाले बाजार भी है। लेकिन भारी वाहनों के चलते यहां पर पैदल चलने वाले लोग भी परेशान रहते है।
काटे जाते हैं चालान
यातायात थाना प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि भारी वाहनों पर समय अवधि के बाद प्रवेश पर रोक है। ऐसे वाहनों को निर्धारित समय के बाद प्रवेश नहीं होने दिया जाता। फिर भी हमारी तरफ से ऐसे वाहनों के चालान भी काटे जाते हैं।