आम आदमी को रास नहीं आया बजट
जागरण संवाददाता, सिरसा गृहिणि, किसान, व्यापारी या फिर आम आदमी बजट को लेकर सभी अपनी बेबाक राय तो दे
जागरण संवाददाता, सिरसा
गृहिणि, किसान, व्यापारी या फिर आम आदमी बजट को लेकर सभी अपनी बेबाक राय तो दे रहे है साथ ही बजट को लेकर उनका मानना है कि बजट में प्रथम दृष्टया लाभ कहीं दिखाई नहीं दे रहा। ग्रहणियों को कई उत्पाद महगे होने का दर्द है। किसान को पिटारा न खुलने का मलाल है तो सर्विस सेक्टर टैक्स में छूट टूटने से नाराज हैं लेकिन इन सबके बावजूद उनका मानना है कि बजट अधिक कठोर भी नहीं है। बजट में कई अच्छे प्रावधानों की वे भी तारीफ कर रहे है।
सर्विस टैक्स बड़ा, टैक्स का दायरा नहीं
आम बजट में कर्मचारियों को टैक्स की सीमा बढ़ाए जाने की पूरी उम्मीद थी लेकिन यह उम्मीद पूरी नहीं हुई। सर्विस टैक्स भी बढ़ा दिया गया है कुल मिलकार सर्विस सेक्टर के लिए बजट को फायदा का नहीं कहा जा सकता।
-लक्ष्मी नारायण, कर्मचारी
बजट से महगाई बढ़ेगी
बजट में मध्यम वर्ग के परिवार को कुछ नहीं मिला है बल्कि बजट से महगाई जरूर बढ़ेगी। क्योंकि सर्विस टैक्स का असर हर उत्पाद पर पड़ेगा। वह बजट को मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए अच्छा नहीं मानते। हा गरीबों के लिए कुछ अच्छे कदम उठाए गए हैं।
भारत कुमार, कर्मचारी
सरकारी घाटा काबू में करने वाला बजट
बजट कर्मचारी सेक्टर के लिए उत्साह वर्धक नहीं है लेकिन बजट सरकारी घाटा काबू में करने वाला कहा जा सकता है। कहा जा सकता है इस बजट में सरकार ने लंबे समस को ध्यान को रखकर नीतिया निर्धारित की है। बजट में हर पाच किलोमीटर के दायरे में एक सेकेंडरी स्कूल बनाए जाने का फैसला किया है जो शिक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
डा. पूनम मिगलानी, प्राचार्य
कंप्यूटर के सस्ते होने का लाभ
इस बचट में उच्च शिक्षा को लेकर कोई रियायत नजर नहीं आई। लेकिन कंप्यूटर को सस्ता किए जाने का फैसला ठीक है। इससे ग्रामीण क्षेत्र का विद्यार्थी भी कंप्यूटर शिक्षा को हासिल करने में कामयाब हो पाएगा।
निष्ठा, छात्रा
बेरोजगारी समाप्त करने के लिए कुछ ठीक रहेगा
रोजगार के अवसर पैदा करने की ओर ध्यान दिया गया है, यह जरूरी था। छोटे उद्योग बढ़ाने के लिए सरकारी की नीति अच्छी है और इससे बेरोजगारी समाप्त होने में मदद मिलेगी।
मनोज, छात्र
सौर ऊर्जा उपकरण सस्ता होने से कुछ तो लाभ होगा
इस बजट में ऐसा कुछ नजर नहीं आया जिसे कहा सके कि गरीब का ध्यान रखा गया है। बजट में पूंजीपतियों के लिए तो ढेरों छूट है लेकिन गरीब के लिए सिर्फ दो योजनाओं का ही उल्लेख किया गया है। हालाकि सौरऊर्जा के उपकरण सस्ता होने की बात कही गई है। इससे मध्यम वर्गीय परिवारों व ग्रामीणों को लाभ होगा यह अच्छी बात है
-अंग्रेज ¨सह
किसान को भूल गई सरकार
बजट में किसानों को बहुत कुछ मिलने की उम्मीद थी लेकिन बजट इसके विपरीत आया। ऐसा बजट है जिससे किसान खुश नहीं हो सकता। कृषि संकट में है ऐसे में उभारने के लिए विशेष परियोजनाएं चाहिए थी जो नहीं मिली।
-रामदेव
आयकर सीमा में नहीं मिली छूट
बजट में आयकर में छूट की बड़ी उम्मीद थी जो नहीं मिली। मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह राहत का पैकेज होता और ऊपर से सर्विस टैक्स ओर लगा गया। व्यापारी को टैक्स में छूट की उम्मीद थी लेकिन वह उम्मीद पूरी नहीं हुई।
-गुरदयाल ¨सह, आढ़ती एसोसिएशन
परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर बल नहीं
बजट में परिवहन सेवाएं सुधारने के संकेत मिलने चाहिए थे लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं हुआ। सड़क मार्ग को सुधारने के साथ ही परिवहन सेवाओं पर भी बजट में ध्यान नहीं दिया गया।
-कृष्ण कालड़ा, पेट्रोल पंप संचालक
कई चीजे सस्ती
बजट में कई चीजों को सस्ता किया गया है। एक लाख जाम करवाने के दौरान ही पैन नंबर की आवश्यकता की गई है। यह अच्छा फैसला है।
-कपिल मेहता, आढ़ती
स्वास्थ्य सेवाओं को तवच्चो नहीं
इस बजट में जीवन रक्षक दवाईया और मेडिकल के उपकरण और अधिक सस्ते किए जाने की आवयश्कता थी लेकिन यह आवश्यकताएं पूरी नहीं हुई। मेडीकल लाइन में दवाइयों पर से टैक्स हटना चाहिए था जो नहीं हटा।
-डॉ. अमित नारग
महिला सुरक्षा के लिए अच्छी पहल
सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए बजट में बढ़ोतरी की है अच्छा कदम है। महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है और इस ओर सरकार ने समय पर कदम उठाने के संकेत बजट से दे दिए है।
डॉ. अंजलि नारग
महिलाओं की नजर में बजट
इस बजट से महगाई बढ़ेगी इसलिए इनके लिए यह बजट खास नहीं है। रसोई के खाद्य वस्तुएं अपेक्षाकृत महगी होगी तो बजट की सराहना कैसे करे।
-ऊषा रानी, गृहिणि
सोने पर लोन अच्छा कदम
सोने पर लोन अच्छा कदम है और ब्याज देने की स्कीम तो और भी अच्छी कही जा सकती है।
-निशा वर्मा, गृहिणि
कपड़े महगा होने का नुकसान
नए बजट में कपड़े महंगे होने का संकेत मिला है। कपड़े तो सस्ते होने चाहिए थे। इस बजट में गृहिणियों को कोई लाभ नहीं हुआ।
-सुनीता देवी, गृहिणि।
तेल, साबुन सस्ते होने का लाभ
बजट में तेल, साबुन सस्ते होने की बात कही गई है। इससे ग्रहिणी को लाभ कहा जा सकता है। रसोई में प्रयुक्त होने वाली वस्तुएं सस्ती होनी चाहिए।
-किरण, गृहिणि
कुला मिलाकर ठीक बचट
बजट में महिलाओं का ध्यान नहीं रखा गया। लेकिन कुल मिलाकर बजट ठीक कहा जा सकता है। लंबे समय को ध्यान में रखकर बजट बना है। महगाई नहीं बढ़नी चाहिए।
राजकुमारी, गृहिणी