धान की सीधी बिजाई की तकनीक कारगर
जागरण संवाददाता, सिरसा : धान की सीधी बिजाई का केंद्रीय कृषि आयुक्त ने डा. जेएस संधू ने सिरसा पहुचकर निरीक्षण किया और सीधी बिजाई को कारगर माना। उन्होंने धान की सीधी बिजाई को लेकर किसानों से भी बातचीत की और उनके अनुभव को जानने का प्रयास किया। उन्होंने सीधी बिजाई करने वाले किसानों की पीठ थपथपाई और कहा कि इससे पानी की बड़ी बचत की जा रही है।
केंद्रीय कृषि आयुक्त दोपहर से पहले ही सिरसा पहुचे और यहा उन्होंने सुचान गाव में उन खेतों का दौरा किया जहा सीधी बिजाई से धान लगाया गया है। अधिकारियों का दल सबसे पहले उदय सिहाग के यहा पहुचे और इसके बाद साहिल सिहाग एवं सरदार गुरभजन सिंह के खेत का मुआयना किया। अधिकारियों ने यहा किसानों से बातचीत की और उनसे धान की इस तकनीक के बारे में चर्चा की। किसानों ने बताया कि इससे पानी की बचत के साथ ही लेबर की जरूरत नहीं पड़ती है।
इसके बाद कृषि आयुक्त ने केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान का दौरा किया और यहा कम घनत्व कपास बिजाई की भी काफी निरीक्षण किया। यहा पौधे से पौधे की बीच की दूरी कम कर फसल तैयार की जा रही है। संस्थान की ओर से इस बार 250 प्रदर्शन प्लाट लगाए गए हैं, जिनमें पौधे से पौधे की दूरी काफी कम रखी गई है। पहले दो साल इस दिशा में किए गए प्रयास उत्साह जनक रहे है। इस दौरे में अतिरिक्त निदेशक डा. सुरेश गहलावत, उप कृषि निदेशक डा. वजीर सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
केंद्र प्रायोजित स्कीमों का किया निरीक्षण
उप कृषि निदेशक डा. वजीर सिंह ने बताया कि केंद्रीय कृषि आयुक्त ने सिरसा में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीमों का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि आयुक्त ने धान की सीधी बिजाई को कारगर माना है और इसे प्रोत्साहित करने पर बल दिया है। इसके अलावा कपास में पौधे से पौधे की दूरी कम करने के प्रयासों की भी सराहना की।