शव को लेकर दो पक्षों में ठनी
जागरण संवाददाता, सिरसा : शव पर अपना-अपना हक जताते हुए दाह संस्कार के लिए सामान्य अस्पताल में ही दो पक्ष आपस में भीड़ गए। मृतक की पत्नी ने कहा कि यह सामान्य मौत नहीं हत्या है इसलिए दाह संस्कार का हक उसे मिलना चाहिए, जबकि परिजनों ने कहा कि कुछ समय से मृतक और पत्नी के बीच कोई संबंध नहीं है इसलिए दाह संस्कार का हक उसे ही मिलना चाहिए।
जानकारी के अनुसार गांव खैरेका निवासी 35 वर्षीय मनोज की शादी करीब पांच वर्ष पूर्व माखोसरानी निवासी बाला के साथ हुई थी। कुछ समय तक दोनों के बीच सामान्य स्थिति रही, जिसके बाद बाला ने एक बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद दोनों अलग-अलग रहने लगे। बुधवार शाम को मनोज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बताया जाता है कि मनोज बुधवार सायं को अपने ताऊ के लड़के के पास गाव कु सुंभी गया था। परिजनों ने बताया कि वहा रात को उसकी छाती में दर्द हुआ। छाती में होने पर परिजनों ने उसे सिरसा के सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया, जहा इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
सामान्य मौत नहीं हत्या हुई है
पुलिस परिजनों के बयान पर पोस्टमार्टम के बाद इतफाकिया मौत की कार्रवाई कर रही थी। इसी बीच मृतक मनोज की पत्नी बाला अस्पताल पहुची और उसने अपने पति की मौत को सामान्य न बताकर इसे हत्या करार दिया। उसने पुलिस में की अपनी शिकायत में बताया कि उसके पति को मारा गया है। उसने मनोज के परिजनों पर आरोप लगाया कि उसके पति को मारा गया है। उसके बयान के बाद पुलिस ने शव को अस्पताल में रखवाया है।
पोस्टमार्टम के बाद बवाल
पोस्टमार्टम के बाद तमाशा शुरू हो गया। मृतक की पत्नी ने कहा कि शव उन्हें मिलना चाहिए। क्योंकि यह हत्या है। पत्नी होने के नाते शव पर उसका अधिकार है, जबकि परिजन ने कहा कि मृतक से उसकी पत्नी का कोई संबंध नहीं है। क्योंकि मनोज पत्नी से अलग रह रहा था। शाम तक यह घटनाक्रम चलता रहा। जिसके बाद यह फैसला लिया गया कि चिकित्सक के बोर्ड द्वारा पुन: शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
शाम को हुआ समझौता
बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच शाम को समझौता हो गया। समझौते के बाद शव को दाह संस्कार के लिए परिजन ले गए।