किसानों को टपका विधि की दी जानकारी
संवाद सहयोगी, सांपला : खंड के गांव समचाना में शुक्रवार को एक दिवसीय बागवानी जागरूकता अभियान का आय
संवाद सहयोगी, सांपला :
खंड के गांव समचाना में शुक्रवार को एक दिवसीय बागवानी जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। जिसमें प्रधानमंत्री कृषि योजना बारे किसानों को विस्तृत जानकारी दी। इसमें लगभग 70 किसानों ने भाग लिया।
उद्यान विभाग के विकास अधिकारी डॉ. कमल कुमार ने किसानों को टपका विधि के बारे में जानकारी दी। सुपरवाइजर संदीप कुमार ने विभागीय स्कीमों के बारे में बताया।
डॉ. कमल ने किसानों को बताया कि टपका विधि से ¨सचाई करने से पानी की लगभग 70 प्रतिशत तक बचत के साथ-साथ फसल की पैदावार 20 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा फसल की गुणवता बढ़ती है और उत्पादन लागत कम होती है। इसी प्रकार खरपतवार का जमाव नही होता और फसलों में बीमारियां भी नहीं लगती। डॉ. कमल कुमार ने बताया कि राज्य में सूक्ष्म ¨सचाई कार्यक्रम प्रधान मंत्री कृषि ¨सचाई योजना के अंतर्गत ऑनलाइन के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सूक्ष्म ¨सचाई कार्यक्रम में टपका ¨सचाई, मिनी छिड़काव व फव्वारा प्रणाली की स्थापना बागवानी व कृषि फसलों में करने का प्रावधान है। अनुदान सहायता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लघु व सीमांत किसानों को 70 प्रतिशत व 85 प्रतिशत तथा अन्य सामान्य को 60 व 75 प्रतिशत राशि दी जाती है।
जिला उद्यान विभाग के उद्यान विकास अधिकारी ने बताया कि सूक्ष्म सिचांई प्रणाली स्थापना के लिए किसान किसी भी सामान्य सेवा केन्द्र में 10 रुपये प्रति केस की फीस सहित वेब पोर्टल पर आवेदन कर सकता है अथवा इंटरनेट क्योसक या सम्बन्धित जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन कर सकता है। ऑनलाइन आवेदन के समय किसान को व्यक्तिगत, राजस्व भूमि तथा बैंक खाते का विवरण ऑनलाईन प्रार्थना-पत्र में अंकित करना होगा। यदि किसान ऑनलाइन आवेदन व फर्म का चयन करने के बाद 30 दिन के अन्दर-अन्दर आवश्यक दस्तावेज व प्रणाली का एस्टीमेट ऑनलॉइन अपलोट नही करता है तो ऐसी स्थिति में किसान का प्रार्थना पत्र हटा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसान द्वारा पूर्ण दस्तावेज जमा करवाने उपरांत 16 दिन के अन्दर विभाग द्वारा प्रणाली स्थापना की स्वीकृति ऑनलाइन जारी की जाएगी। इसकी साथ-साथ जिला रोहतक के अंतर्गत 9 गांव (कन्साला, हुमायुंपुर, बखेता, रोहतक, कुताना, सुनारिया, हसनगढ, समचाना, माडौदी कलां) का चयन बागवानी गांवों में किया गया है। जिनमें वित्तीय वर्ष 2017-18 में विभागीय स्कीमों को प्राथमिकता आधार पर खर्च किया जाएगा।