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राजा विक्रमादित्य ने दिलाई सच्चाई की याद

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में राष्ट्रीय नाट्य महो

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 12:37 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 12:37 AM (IST)
राजा विक्रमादित्य ने दिलाई सच्चाई की याद
राजा विक्रमादित्य ने दिलाई सच्चाई की याद

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव चलो थियेटर में शनिवार को स्वांग राजा विक्रमादित्य का मंचन किया गया। नवरस कथक केंद्र हिसार द्वारा आयोजित इस स्वांग के लेखक एवं निर्देशक डॉ. सतीश कश्यप और डॉ. संध्या शर्मा ने बेहतर प्रस्तुति देकर दर्शकों को भारत की प्राचीनतम लोकथर्मी नाट्य परंपरा से मंत्र मुग्ध कर दिया।

इस नाटक के माध्यम से राजा विक्रमादित्य ने आखिर में सच्चाई की याद दिलाई और दर्शकों को तालियों बजाने पर मजबूर कर दिया। इसी के साथ महोत्स्व का रंगारंग समापन हो गया।

डॉ. सतीश कश्यप एवं डॉ. संध्या शर्मा पिछले लगभग 20 वर्षों से स्वांग के उत्थान में प्रयासरत हैं। भारत की प्राचीनतम लोकधर्मी नाट्य परम्परा को पुनर्जीवन देने का प्रयास दोनों कलाकार कर रहे हैं। अब तक इसकी लगभग 200 प्रस्तुतियां दी जा चुकी हैं। वहीं संगीत नाटक अकादमी, स्पिक मैके, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय जैसी बहुत सी संस्थाएं स्वांग के प्रचार-प्रसार में योगदान दे रही हैं। स्वांग पर किए गए कार्यों के लिए अनेक अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं।

रास कला मंच के अध्यक्ष रवि मोहन ने कहा कि वे रोहतक की जनता के आभारी रहेंगे जिन्होंने इस सुन्दर आयोजन में अपना सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि वे अपने दिल में रोहतक की जनता का प्यार लेकर जा रहे हैं तथा जल्द ही फिर से सुन्दर नाटकों के द्वारा रोहतक की जनता से रूबरू होंगे। समापन समारोह का सफल मंच संचालन कुमार आकाश ने किया।

दर्शक बोले, एक सप्ताह से घर के टीवी बंद

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में रास कला मंच सफीदों के तत्वावधान में व भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, हरियाणा सरकार के कला एवं सांस्कृतिक विभाग, हरियाणा कला परिषद् चंडीगढ़, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला व नगर निगम रोहतक के सहयोग से चल रहे आठवें राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव चलो थियेटर का आज रंगारंग समापन हो गया। दर्शक पूनम देवी, सीमा सहगल, रीना मलिक, किरण शर्मा आदि ने कहा कि इस एक सप्ताह के दौरान तो उनके घरों के टीवी तक बंद हो गये। नाट्य प्रस्तुतियां इतनी बेहतरीन थी कि पता ही नहीं चलता था कि यह नाटक है बल्कि इसे असल ¨जदगी माना जाता रहा। दर्शक सुधीर, राजबीर, निखिल शर्मा ने बताया कि ये राष्ट्रीय थियेटर उत्सव उन्हें ¨जदगी भर याद रहेगा। इस उत्सव के जरिए उन्होंने नाटक को करीब से जाना है। दर्शक राजबीर बताते हैं कि नाटकों के बारे में पहले बहुत सुना था। इस महोत्सव के जरिए उन्हें करीब से देखा है। उन्होंने बताया कि उन्हें इस नाट्य महोत्सव में से ताज महल का टेंडर और दूसरा आदमी दूसरी औरत बेहतरीन लगे।

नाटक हमारी असल ¨जदगी पर आधारित : मेजर जनरल शमशेर

समापन समारोह पर मुख्य अतिथि मेजर जनरल शमशेर ¨सह ने कहा कि नाटक हमारी असल ¨जदगी पर आधारित होते हैं इसलिए इनकी विश्वसनीयता बढ़ जाती है। कलाकार अपने सधे हुए अभिनय से इसमें प्राण डाल देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक से एक बड़ा कलाकार हुआ है तथा थियेटर को लंबे समय से पसंद किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि आज राज कला मंच इसी परम्परा को आगे बढ़ा रहा है तथा इतने सुन्दर नाटकों को दर्शकों से रूबरू करवा रहा है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हरियाणा कला परिषद् के निदेशक अजय ¨सघल ने भी कलाकारों को निरंर मेहनत करते रहने का आह्वान किया। उन्होंने सभी को कार्यक्रम के सफल मंचन पर धाई दी।


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