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बकाए के लिए वैध-अवैध कॉलोनियों की चौतरफा घेरेबंदी

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर की वैध और अवैध कॉलोनियों में रहने वालों पर बिजली उपभोक्ताओं की चौतरफा घ

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 01:00 AM (IST)
बकाए के लिए वैध-अवैध कॉलोनियों की चौतरफा घेरेबंदी

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर की वैध और अवैध कॉलोनियों में रहने वालों पर बिजली उपभोक्ताओं की चौतरफा घेराबंदी हो गई है। बिजली निगम ने चोरी रोकने के लिए इन कॉलोनियों में टीमें दौड़ा दी हैं। हालांकि सबसे पहले नगर निगम ने इन कॉलोनी वालों से बकाया 36 करोड़ के डेवलपमेंट चार्ज को जमा कराने की चेतावनी दी थी। प्रॉपर्टी टैक्स भी तत्काल जमा कराने को कहा गया था। लेकिन इन कॉलोनियों में रहने वाली जनता पर आरोप हैं कि अभी तक बकाया जमा नहीं कराया गया है। इसलिए नोटिस भेजे गए हैं। वहीं, संबंधित कॉलोनियों के पार्षदों ने निगम प्रशासन पर जनता को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

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उनका कहना है कि विकास से यह कॉलोनियां कोसों दूर हैं, इसलिए दबाव बनाकर टैक्स वसूलना गलत है। कॉलोनी वासियों का यह भी कहना है कि तीन साल से पहले 34 कॉलोनी वैध हो चुकी हैं, लेकिन सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज, पार्क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी अभी तक नहीं मिल सकी हैं।

शहर में 125 कॉलोनियां वैध, 88 होंगी वैध

शहरी क्षेत्र में अभी तक 125 कॉलोनियां वैध हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि 1992 से लेकर अभी तक यह सभी कॉलोनियां वैध घोषित की गई हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि 1992 में 25, 2004 में 70 के अलावा 1997 वैध घोषित की गईं। इनके अलावा 2013 में भी 34 कॉलोनियों को वैध घोषित किया गया था। अभी जो कॉलोनियां वैध घोषित की जानी हैं, वह शहरी क्षेत्र के बाहरी इलाकों में हैं। निगम प्रशासन की ओर से 88 कॉलोनियों का सर्वे करके भेजा गया था। इसमें से 45 कॉलोनियों की पात्रता सही पाई गई है। शेष कॉलोनियों को लेकर भी सरकार की ओर से ऐसे ही संकेत दिए गए हैं। निगम अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही सभी कॉलोनियों को भी वैध होने की मंजूरी मिलेगी। मंजूरी मिलने की स्थिति में कुल 213 कॉलोनियां वैध हो जाएंगी।

वैध घोषित होने के बाद ही विकास

जो कॉलोनियां वैध घोषित हो जाती हैं, उनमें नगर निगम से लेकर बिजली निगम, जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्वे फिर से कराया जाता है। जिसमें सीवरेज, पानी, बिजली, सड़क, पार्क, डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट आदि विकास कार्य कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाते हैं। इसमें होने वाले कार्यों के बजट से लेकर प्रस्तावित खर्चो को लेकर भी रिपोर्ट तैयार होती है। सरकार की ओर से बजट की मंजूरी मिलने पर कार्य होते हैं।

वर्जन

जो भी वैध और अवैध कॉलोनियां हैं, वहां किसी भी सूरत में चोरी से बिजली नहीं जलेगी। हमारी ओर से टीमों का गठन करके छापेमार कार्रवाई की जा रही है। जो भी बिजली चोरी करते हुए पकड़े जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई होगी।

-सुरेश कुमार बंसल, एसई, बिजली निगम

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ज्यादातर कॉलोनियों में 60 से 100 फीसदी तक विकास कार्य कराया जा चुका है। इन कॉलोनियों में अमृत योजना के तहत विकास कार्य भी होंगे। कई कार्य हो चुके हैं। सीवरेज, पानी, सड़कों के प्रोजेक्ट बनाकर भेजे जा चुके हैं।

-जितेंद्र कुमार, बि¨ल्डग इंस्पेक्टर, नगर निगम

वर्जन

अस्थल बोहर कॉलोनी वैध हो चुकी है। लेकिन यहां बिजली को छोड़कर एक भी व्यवस्था नहीं है। कच्ची सड़कें हैं, पार्क, फुटपाथ आदि सुविधाओं का वर्षो बाद भी अभाव है। हमें बेवजह ही डेवलपमेंट चार्ज और प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने के लिए परेशान किया जा रहा है। प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस दिए जाने की शिकायत कर चुका हूं। डीसी ने मुझसे लिखित में शिकायत मांगी है। सुविधाएं नहीं तो हमारी जनता टैक्स क्यों जमा कराए।

-सरिता देवी, पार्षद, वार्ड-7

वर्जन-

मेरे वार्ड की पांच कॉलोनियां वैध घोषित हो चुकी हैं। करीब तीन साल बाद भी अभी तक यहां सड़क, पार्क की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकी है। सीवरेज और पानी की लाइन भी नहीं है। लोगों को पानी से लेकर जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। नोटिस देना तो जनता को सीधे तौर से प्रताड़ित करना है।

-लक्ष्मी देवी, पार्षद, वार्ड-20


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