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दृढ़ संकल्प से मिलती है सफलता : शिवकृष्ण आर्य

जागरण संवाददाता, रोहतक : गुरुकुल भैयापुर लाढौत में वैदिक भारत निर्माण अभियान एवं आर्य समाज के संय

By Edited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 06:43 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 06:43 PM (IST)
दृढ़ संकल्प से मिलती है सफलता : शिवकृष्ण आर्य

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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गुरुकुल भैयापुर लाढौत में वैदिक भारत निर्माण अभियान एवं आर्य समाज के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे पांच दिवसीय चरित्र निर्माण एवं योग शिविर का शुक्रवार को समापन हुआ। वैदिक विद्वान आचार्य हरिदत्त उपाध्याय ने पांचवे व अंतिम दिन के योग सत्र कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित करके शुभारंभ किया। समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. जयवीर मलिक ने की। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के मुख्य योगशिक्षक एक पूर्व पार्षद शिवकृष्ण आर्य ने योग प्रशिक्षण दिया। भारत स्वाभिमान किसान पंचायत के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय ढाका ने बतौर मुख्यवक्ता संबोधित किया। गुरुकुल के मुख्य अधिष्ठाता वैदिक विद्वान यशवीर शास्त्री ने कार्यक्रम का संचालन किया।

योग शिक्षक शिवकृष्ण आर्य ने कहा कि व्यक्ति को दृढ़ संकल्प से सफलता मिलती है। संसार में तीन प्रकार के व्यक्ति होते हैं। सामान्य व्यक्ति बाधाओं के भय से कार्य को आरंभ ही नहीं करते, मध्यम प्रकार के व्यक्ति बाधाओं के आने पर कार्य को बीच में ही छोड़ देते हैं। उत्तम प्रकार के व्यक्ति बार-बार बाधाओं के आने पर भी नहीं डगमगाते और दृढ़ संकल्प व आत्मविश्वास के साथ सफलता प्राप्त करते हैं। योग शिक्षक शिवकृष्ण आर्य ने योगाभ्यास के क्रम को आगे बढ़ाते हुए योगिक जो¨गक, सूक्ष्म व्यायाम और अनेक प्रकार के आसन, प्राणायामों का अभ्यास करवाया।

वैदिक विद्वान आचार्य हरिदत्त उपाध्याय ने कहा कि धर्माचरण ही मनुष्य का सच्चा मित्र है। शुभकर्म ही मनुष्य के साथ जाएंगे, जब तक शरीर स्वस्थ है बुढ़ापा दूर है। जब तक इंद्रियां सबल है और युवावस्था कायम है तभी तक आत्मकल्याण के लिए व्यक्ति को पूर्ण पुरुषार्थ करना चाहिए। मृत्यु निकट आने पर कुछ करना, घर में आग लगने पर कुआं खोदने के समान है। उन्होंने युवाओं को समय रहते शुभकर्म करने का आह्वान किया।

सामाजिक कार्यकर्ता संजय ढाका ने युवाओं को धर्मात्मा, सदाचारी, बलवान व विद्वान बनने के लिए अ¨हसा और सत्य का पालन, मन, वचन और क्रम से चोरी का त्याग, ब्रह्मचर्य पालन अधिक वस्तुओं का संग्रह न करने का अभ्यासी बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जो युवा, शोच, संतोष, तप स्वाध्याय और ईश्वर की उपासना को दिनचर्या में शामिल करेगा वह युवा निश्चित रूप से महान बनेगा। प्राचार्य डॉ. जयवीर मलिक ने वैदिक दिनचर्या की प्रशंसा करते हुए उसे दृढ़ता से पालन करने को कहा। गुरुकुल के मुख्य अधिष्ठाता यशवीर शास्त्री ने पांच दिवसीय चरित्र निर्माण एवं योग शिविर का गुरुकुल के प्रांगण में सुंदर आयोजन करने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।

वैदिक भारत निर्माण अभियान की ओर से सभी शिविरार्थियों को ऋषि दयानंद का जीवन चरित्र आदि वैदिक साहित्य भेंट किया गया। अंत में शिविर में उपस्थित सभी महानुभावों ने नियमित योगाभ्यास करने का संकल्प लिया। शांतिपाठ के पश्चात कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता संजय ढाका, मुख्य अधिष्ठाता यशवीर शास्त्री, आचार्य हरिदत्त उपाध्याय, पूर्व पार्षद शिवकृष्ण आर्य, प्राचार्य जयवीर मलिक, संरक्षक पवन, अंकित, साहिल, मंदीप, मनोज, हिमांशु, पवन, रोहित, ऋषभ, नवीन, जयवीर, सोनू, दीपांशु, कौशल, पुष्पेंद्र, योगेंद्र, सोनू, जयदीप, हिमांशु, साहिल, रितिक, लोकेश, पवन, शुभम, मनोज, हितेश, दीपक, सचिन, मंदीप, रामलखन, योगेश, राहुल, रोनक, साहिल,रोहित, मंदीप, लोकेश, हितेश, सूर्यदेव, उष्ट्रासन, अभय, नरेंद्र, मनन, नमन, सुरेंद्र, हितेश, शुभम, अमन, जतिन, शुभम, नमन, अभय, अजय, रजत, शिवम आदि सैकड़ों शिविरार्थी मौजूद रहे।


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