किसानों को दी जल संरक्षण की जानकारी
जागरण संवाददाता, रोहतक : राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बुधवार जिला सहकारी बैंक
जागरण संवाददाता, रोहतक : राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बुधवार जिला सहकारी बैंक के सभागार में जिला स्तरीय जल सरंक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। इस अवसर पर विजय राणा, जिला विकास प्रबंधक (नाबार्ड), जिला मृदा सरंक्षण विभाग से जय करण, कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. राजेश कुमार एवं डॉ. रोहताश कुमार ने जिले के कई गांवों से आये लगभग 80 किसानों को जल सरंक्षण के विभिन्न उपाय बताकर जागरूक किया।
राणा ने बताया कि पिछले 20 वर्षो से जिले का भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है, जो कि बहुत ¨चता का विषय है। जल का सबसे ज्यादा उपयोग लगभग 75 यत्न कृषि ¨सचाई में ही होता है। उन्होंने फसल चक्र में बदलाव एवं कम पानी की फसलों को अपनाने का सुझाव देते हुए, दिन प्रतिदिन के विभिन्न कार्यो द्वारा पानी संचयन के उपाय बताये। साथ ही मानसून सीजन में वर्षा जल के अधिकतम संग्रहण का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि नाबार्ड राज्य स्तर पर 1000 जल सरंक्षण अभियान के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जिसमें से 50 कार्यक्रम रोहतक जिले के विभिन्न गांवों में जिला सहकारी बैंक की सहायता से किये जा रहे हैं, जिनमें किसानों को जल सरंक्षण के विभिन्न उपाय बताये जा रहे हैं।
जय करण ने मृदा सरंक्षण के विभिन्न उपाय बताए एवं मृदा की अच्छी तरह जांच करके ही उसमें उचित ¨सचाई के बारे में बताया। उन्होंने बताया की मानसून के वक्त किसानों को अपने ट्यूबवेल के पास गहरा गड्ढा खोदकर वर्षा जल को एकत्रित करना चाहिए ताकि वो भूजल में मिल सके। डॉ. रोहताश कुमार ने कृषि ¨सचाई क्षेत्र में नई तकनीकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया की लेजर लैंड लेवे¨ल्लग की सहायता से भूमि की बहाई कर के 25 त्न तक ¨सचाई की बचत हो सकती है। डॉ. राजेश कुमार ने भी कृषि विज्ञान केंद्र की विभिन्न योजनाओं, नए बीजों एवं प्रशिक्षण के बारे में किसानों को जानकारी दी।