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सरकारी इमारतों को देना पड़ सकता है पूरा प्रॉपर्टी टैक्स

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम के दायरे में आने वाली सरकारी इमारतों को जल्द ही पूरा प्रॉपर्टी टैक

By Edited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम के दायरे में आने वाली सरकारी इमारतों को जल्द ही पूरा प्रॉपर्टी टैक्स देना पड़ सकता है। प्रदेश सरकार ने निगम प्रशासन को चिट्ठी भेजकर सभी सरकारी इमारतों की सूची मांगी थी। इसलिए निगम के टैक्स ब्रांच ने सरकारी इमारतों की लिस्ट बनाकर शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेज दी है। टैक्स ब्रांच का मानना है कि अभी यह पता नहीं कि सरकार क्या संशोधन करने जा रही है, लेकिन सूची हमारी तरफ से भेज दी गई है।

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नगर निगम के टैक्स ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी इमारतों की सूची मांगी थी। इसलिए निगम प्रशासन की तरफ से 66 सरकारी इमारतों की सूची सरकार को मुहैया करा दी है। हालांकि सरकार की तरफ से जो सूची मांगी थी, उसमें यह था कि राज्य सरकार के तहत आने वाले कार्यालय, बोर्ड, कारर्पोरेट, सरकार के अधीन कार्यालय और रजिस्टर्ड कार्यालयों का ब्योरा बनाकर भेजा था। निगम सूत्रों का कहना है कि सरकारी इमारतों में अभी तक 50 फीसद ही प्रॉपर्टी टैक्स लिया जाता था, लेकिन सरकार नियम में बदलाव करने जा रही है। जिसमें सौ फीसदी तक टैक्स लिए जाने की तैयारी हो रही है। इसी सत्र से संभव हुआ तो पूरा टैक्स निगम में आने लगेगा।

वर्जन

सरकार की क्या योजना है, इसकी हमें जानकारी नहीं है। लेकिन टैक्स ब्रांच ने सरकारी इमारतों का सर्वे करके भेज दिया है।

अजय चोपड़ा, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम

राजस्व में वृद्धि होगी तो विकास कार्य होंगे तेज

टैक्स ब्रांच को 2015-16 के सत्र में करीब 21 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स के मिले थे। यह प्रॉपर्टी टैक्स शहरी सीमा में आने वाले 1.74 लाख उपभोक्ताओं(कुछ को छोड़कर) की तरफ से रकम जमा कराई थी। निगम अधिकारियों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। जब निगम के पास राजस्व अधिक होगा तो शहरी क्षेत्र में खुद निगम अपने मद से काम कराने में सक्षम होगा। इसलिए विकास कार्य भी तेज होंगे।


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