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फसल बीमा योजना से किसान अनभिज्ञ

जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकार की ओर से लागू की गई फसल बीमा योजना से जिले के किसान अभी तक पूरी तरह स

By Edited By: Published: Fri, 05 Feb 2016 01:42 AM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2016 01:42 AM (IST)
फसल बीमा योजना से किसान अनभिज्ञ

जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकार की ओर से लागू की गई फसल बीमा योजना से जिले के किसान अभी तक पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं। किसानों को नहीं पता कि इस योजना के साथ वह कैसे जुड़ सकते हैं और इसका कितना लाभ उन्हें मिलेगा। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों को भी अभी तक इसकी पूर्ण जानकारी नहीं है। ऐसे में फसल बीमा योजना कब तक किसानों तक पहुंचेगी, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

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फसल बीमा योजना लागू तो कर दी गई लेकिन किसानों को इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। अखिल भारतीय किसान सभा के प्रधान प्रीत ¨सह ने बताया कि इस योजना के बारे में उन किसानों को थोड़ा बहुत पता है जो समाचार पत्र या खबर देखते हैं लेकिन अधिकांश किसानों को इस योजना की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत जिस कंपनी को ठेका दिया गया है उसके अधिकारी कहीं एक ब्लाक को इकाई मानकर बीमा कर रहे हैं तो कहीं गांव को ईकाई मानकर बीमा कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि एक एकड़ भूमि को ईकाई मानकर बीमा किया जाए। क्योंकि अगर कोई नुकसान होगा तो खेत में होगा, न कि पूरे ब्लाक में। बीमा कंपनी का मानना है कि नुकसान होगा तो पूरे ब्लाक में होगा। उनका मानना है कि फरवरी में बारिश फसलों के लिए लाभदायक है जबकि गत वर्ष भी फरवरी में हुई बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक तब जानकारी देंगे जब किसानों को दिया गया बीज सही होगा। किसानों को जो बीज दिया गया वह नकली था और उसे सफेद मक्खी ने खा लिया। जो दवाइयां किसानों को दी गई वह भी नकली थी, क्योंकि उससे भी सफेद मक्खी नहीं मरी। ऐसे में बीमा योजना को किसानों का हित ध्यान में रखते हुए बदलना बहुत जरूरी है। लेकिन भाजपा किसानों को मिलने वाले प्राकृतिक आपदा के मुआवजे को बंद कर प्राइवेट कंपनियों को ठेका देना चाहती है।

फसल बीमा योजना का किसानों को पूरा लाभ होगा। अभी यह योजना पूर्ण रूप से लागू नहीं हुई है लेकिन इसमें किसानों के लिए बहुत सारी लाभकारी योजनाएं शामिल की गई है, जिससे किसानों को कम ब्याज पर ऋण मिलेगा। इसके साथ ही गांवों में फार्मर फेड स्कूल चलाए जा रहे हैं जो सीजन के अनुसार ग्रामीणों को गांव-गांव ट्रे¨नग देते है और सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हैं। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों के खेतों की मिट्टी व पानी की जांच के लिए लैबोरेटरी है जहां वैज्ञानिक मिट्टी व पान की जांच करते है। किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र का पूरा लाभ मिल रहा है। हालांकि यहां मौसम का हाल जानने के लिए केंद्र स्थापित नहीं है, लेकिन वह एक वेबसाइट से जुड़े हुए हैं जिससे उन्हें मौसम का हाल पता चलता रहता है।

मदन मोहन, डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग।


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