हरियाणा के बेटी बचाओ अभियान को दिल्ली में पलीता
जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा में बेटी बचाओ अभियान जोर शोर से चलने और स्वास्थ्य विभाग की सख्ती
जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा में बेटी बचाओ अभियान जोर शोर से चलने और स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के चलते भ्रूण ¨लग जांच का अवैध कारोबार दिल्ली में फैल गया है। गुप्त सूचनाएं मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की स्पेशल टीम ने दो दिन ऑपरेशन चलाकर उत्तमनगर स्थित एक केंद्र को सील कर दिया। हालांकि इस कार्रवाई के लिए रोहतक की टीम और पुलिस को जद्दोजहद करनी पड़ी। दिल्ली प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते उपायुक्त डीके बेहरा को हस्तक्षेप कर दिल्ली के जिला अधिकारी से संपर्क साधना पड़ा। इसके बाद केंद्र पर कार्रवाई संभव हो सकी।
आशा को बनाई गर्भवती महिला, कांस्टेबल बनी जेठानी
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम ने गुप्त सूचना मिलने पर दिल्ली के उत्तम नगर स्थित केंद्र के एक दलाल से आशा मीनाक्षी का संपर्क कराया। मीनाक्षी के साथ कांस्टेबल बनीता को उसकी जेठानी बनाकर भेजा गया। दलाल ने मीनाक्षी को भ्रूण ¨लग की जांच के लिए खरखौदा बुलाया था। इसके बाद वह आशा और कांस्टेबल के साथ दलाल की गाड़ी में बैठकर दिल्ली जाने लगा।
दो गाडिय़ां करती रहीं पीछा, साइबर टीम भी रही सक्रिय
ऑपरेशन में दो महिलाओं के शामिल होने के कारण सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया था। महिलाओं के एजेंट की गाड़ी में सवार होने के बाद अधिकारी दो गाड़ियों में बैठकर उनका दूरी बनाकर पीछा करते रहे। इस दौरान दोनों महिलाओं से एसएमएस के जरिए बात की जाती रही। इस दौरान पुलिस की साइबर टीम भी लगातार महिलाओं और दलाल के नंबर को सर्विलांस पर लगाकर निगरानी करती रही।
घुमाकर ले गया सीधे रास्ते पर
दिल्ली और पीरागढ़ी जाने के लिए सीधा रास्ता होने के बावजूद दलाल दोनों महिलाओं को दूर-दूर के रास्तों सोनीपत आदि की ओर से घुमाकर उत्तम नगर स्थित केंद्र पर लेकर पहुंचा। जबकि उत्तम नगर पीरागढ़ी से मात्र छह किमी दूर है। दलाल ने ऐसा दोनों महिलाओं को गुमराह करने क लिए किया।
18 हजार लेकर बिना औपचारिकता कार्रवाई शुरू
महिला के केंद्र पर पहुंचते ही वहां तैनात कर्मचारी ने कोई औपचारिकता पूरी नहीं की। 18 हजार रुपये लेने के बाद महिला को आरोपी अल्ट्रा साउंड रूम में ले गया। यहां परीक्षण के बाद उसे महिला (आशा) के गर्भवती न होने की जानकारी दी गई। इस पर महिला ने उससे कहा कि वह तीन माह की गर्भवती है। आरोपी ने इसके बाद 17 हजार रुपये लौटा दिए और बाद में आने को कहा। इसी दौरान टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया और दिल्ली के पुलिस-प्रशासन को सूचना दे दी।
कार्रवाई करने को तैयार नहीं हुए, तो दूसरे दिन पहुंची टीम
सूचना पर मौके पर पहुंचे दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारी आरोपियों पर कार्रवाई के लिए तैयार नहीं हुए। इसके चलते टीम को बुधवार को बैरंग लौटना पड़ा। इसकी शिकायत उपायुक्त डीके बेहरा से की गई और उन्होंने दिल्ली के जिलाधिकारी से बात की। इसके बाद केंद्र को सील करने की कार्रवाई की गई। टीम ने दलाल, मौके पर मिले कर्मी और केंद्र संचालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखित शिकायत भी दे दी। इसके बाद देर शाम टीम वापस लौटी।
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