कुकर्म के बाद कत्ल या फिर दी गई बच्चे की बलि?
जागरण संवाददाता, रोहतक : गरनावठी में जिस बच्चे की हत्या हुई उसे लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चा है। क
जागरण संवाददाता, रोहतक : गरनावठी में जिस बच्चे की हत्या हुई उसे लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चा है। कोई हत्या से पहले बच्चे के साथ कुकर्म की आशंका जता रहा था तो कोई बच्चे की बलि देने की बात कह रहा था। फिलहाल पुलिस भी इन्हीं दो लाइनों पर काम कर रही है लेकिन पुलिस को मौके पर ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे बलि जैसे अपराध की पुष्टि हो रही हो। देर शाम तक पुलिस की टीमें गांव में ही जमी हुई थीं और ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रही थी, जिसके लड़का न हो और लड़की ही हो और वह भगत का काम भी करता हो। देर शाम तक पुलिस को ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला था।
कलानौर थानाक्षेत्र के गांव गरनावठी निवासी गुलाब ने बताया कि उसके चार बेटे थे, अब तीन रह गए हैं। जिनमें विशाल आठवीं में, सागर पांचवीं में, कपिल चौथी में और जिस बच्चे की हत्या की गई है वह नर्सरी में पढ़ता था। गुलाब की कोई बेटी नहीं है। इसलिए पुलिस टीम को शक है कि आरोपियों ने गुलाब के बच्चों को इसलिए चुना होगा, क्योंकि उसके चार बेटे हैं। घटनास्थल पर मौजूद गुलाब से करीब एक घंटे तक डीएसपी सुखबीर ¨सह फौगाट ने बात की। डीएसपी ने गुलाब से पता किया कि गांव में ऐसा कोई व्यक्ति है, जिसके औलाद नहीं है। वहीं ऐसा कौन व्यक्ति है, जिसे लड़का न हो और लड़कियां ही है। हालांकि गुलाब ने बताया कि वह इस तरह के किसी परिवार को नहीं जानता है। उसके बाद पुलिस ने टीम ने ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए गांव के कई ग्रामीणों से अलग-अलग ले जाकर पूछताछ की है। वहीं पुलिस की टीम को अंदेशा है कि बच्चे के साथ कुकर्म की वारदात भी हो सकती है। पुलिस टीम और सीआइए-टू इन्हीं दो पहलुओं पर जांच कर रही है। डीएसपी का दावा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस इस केस का जल्द खुलासा कर देगी।
नहीं है गांव में गुलाब की रंजिश
दलित गुलाब ने बताया कि उसकी गांव में किसी के साथ रंजिश की बात तो बहुत दूर की है, झगड़ा तक नहीं हुआ। वह मजदूर है और मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा है। वहीं गांव के लोगों ने भी बताया कि गुलाब गांव में सभी का प्यारा है। यही कारण है कि जैसे ही उसका बच्चा गायब हुआ, पूरा गांव उसके बच्चे को तलाशने के लिए निकल पड़ा।
रणधीर उर्फ आजाद के कोठड़े में मिला शव
गुलाब के मकान के समीप ही गांव के ही रणधीर उर्फ आजाद का मकान है। रणधीर की काफी समय पूर्व मौत हो चुकी है। उनके बेटे का नाम जसबीर है। इस कोठड़े के पीछे जयभगवान का मकान है। ग्रामीणों का कहना है इस कोठड़े में कोई आता जाता नहीं है। कोठड़े में जो तूड़ी पड़ी हुई वह जसबीर की है। इस कोठड़े के आसपास झाड़ियां खड़ी है। वही गांव के कुछ लोग इसी के पास कूड़ा भी डालते हैं और उपले थी थापे जाते हैं।
इस तरह से लापता हुआ था बच्चा
बच्चे के पिता गुलाब ने बताया कि दो जनवरी को उसका बेटा जिस समय घर से गायब हुआ तो उन्होंने जांच पड़ताल की। पता चला कि गौरव अपने घर से ताऊ के घर पर गया था। यहां पर गुलाब की भतीजी ममता थी। ममता ने बताया कि करीब एक बजे वह यह कहकर घर से निकला था कि वह अपने घर जा रहा है लेकिन वह अपने घर नहीं पहुंचा और बीच रास्ते में गायब हो गया। उसके बाद बृहस्पतिवार को उसका शव मिल गया।
--------