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सड़के लील रही जान,पर पुलिस को नहीं मिल रहे दुर्घटना प्वाइंट

जागरण संवाददाता, रोहतक : ट्रैफिक पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक भले ही रोहतक में कोई भी दुर्घटना प्वाइं

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 06:49 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 06:49 PM (IST)
सड़के लील रही जान,पर पुलिस को नहीं मिल रहे दुर्घटना प्वाइंट

जागरण संवाददाता, रोहतक : ट्रैफिक पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक भले ही रोहतक में कोई भी दुर्घटना प्वाइंट न हो, लेकिन यहां पर सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों और घायलों की भरमार है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि सड़क में तकनीकी दोष नहीं है, जो हादसे हो रहे है वह ट्रेफिक नियमों का पालन नहीं करने से हो रहे हैं। वहीं माना जा रहा है कि आगे आने वाले सर्दी के मौसम में कोहरा अधिक पड़ेगा, जिसमें सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर वाहन चालकों के लिए खतरा हो सकते हैं। इसलिए ऐसे मार्गों पर संभलकर चलना होगा, जहां पर अधिक स्पीड ब्रेकर है।

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यातायात पुलिस के अनुसार, दो साल पहले जिले में 24 दुर्घटना संभावित क्षेत्र थे, लेकिन चालू वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा की गई यह प्वाइंट दुर्घटना प्वाइंट नहीं रहे। इसके पीछे हाइवे बनना, सड़कों का चौड़ा होना है। वहीं कुछ प्वाइंट ऐसे भी है जो शहरी क्षेत्र में आ चुके है। इन शहरी क्षेत्रों में तेज गति से वाहन चलाने पर पाबंदी है, इसलिए यहां पर अब सड़क हादसे नहीं होते हैं। यातायात पुलिस का कहना है कि जिले में अब ऐसा कोई भी प्वाइंट नहीं है, जहां पर सड़क दुर्घटना होती हो। बता दें कि यातायात पुलिस भले ही ऐसा बोलकर अपनी पीठ थपाथपा रही हो, लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले अब तक सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या अधिक है। अफसरों की माने तो सड़क दुर्घटनाओं का इस वर्ष बढ़ना महज यातायात नियमों का पालन नहीं करना है। अब सवाल यह है कि यदि रोहतक में दुर्घटना प्वाइंट नहीं है तो आखिर 24 घंटे के अंदर छह लोगों की मौत कैसे हो गई। बता दें कि शनिवार की सुबह रोहतक में पांच और कलानौर में एक सड़क हादसे में मौत हुई है।

यह है मृतक व घायलों के आंकड़े

यातायात पुलिस के अनुसार, रोहतक जिले में वर्ष 2014 में 345 सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें 165 लोगों की मौत हुई और 422 लोग घायल हुई। यहीं नहीं घायलों में बाद में उपचार के दौरान भी लोग मरे, जो पुलिस के रिकॉर्ड में नहीं है। इसके अलावा वर्ष 2015 में अभी तक 166 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। जिसमें 166 लोगों की मौत अब तक हो चुकी। जिसमें शनिवार की छह मौत अलग से है। वहीं घायलों की संख्या 405 है।

ये है खतरनाक मोड़, संभलकर चले

एनएच-71 पर साउथ बाइपास पर गांव मायना के समीप बाई तरफ खरतनाक मोड़ है। इस मोड़ पर वाहन चालक अपना संतुलन खो देते हैं। कई वाहन इसी कारण दुर्घटनाग्रस्त होते है। आने वाला समय सर्दी का है और कोहरा भी दम दिखाएगा। इसलिए यह मोड़ खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए यहां से जब भी मुड़े संभलकर मुड़ें। इस मोड़ का जिक्र सड़क सुरक्षा संगठन की मासिक बैठक में भी होता है। यातायात पुलिस की तरफ से पीडब्ल्यूडी एंड बीएंडआर को इस मोड़ को सीधा करने के लिए पत्र भी लिखा जा चुका है।

निर्माणाधीन रोड व स्पीड ब्रेकर हादसों का कारण

रोहतक से जींद मार्ग को चार लाइन बनाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। इस रोड पर कोहरे के समय सड़क हादसों का अंदेशा बना रहता है। निर्माण कंपनी को विभाग द्वारा सख्त हिदायत दी भी गई है, बावजूद इसके साइन बोर्ड व दिशा- सूचक कई स्थानों पर नहीं है। इसी तरह नेशनल हाइवे नंबर दस पर गांव बहुअकबरपुर से लेकर महम बाइपास पर निर्माण कार्य चल रहा है। यहां भी वाहन चालकों को कोहरे के समय में एहतियात बरतने की जरूरत है। वहीं हिसार रोड पर गांव बहुअकबरपुर, मदीना, खरकड़ा व अन्य कई गांवों में अवैध रूप से स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं। कोहरे व रात के अंधेरे में स्पीड ब्रेकर वाहन चालकों को नजर नहीं आते क्योंकि सफेद पट्टी भी नहीं की गई है। जिस कारण हादसे होने का डर रहता है।

वाहनों पर लगवाएं जाएंगे रिफलेक्टर : भाटिया

यातायात पुलिस उपाधीक्षक अमित भाटिया ने बताया कि कोहरे के समय में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए के लिए वाहनों पर रिफलेक्टर लगवाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। हालांकि इसकी पहले जिला प्रशासन से मंजूरी भी लेनी पड़ेगी। इसके अलावा हर माह सड़क सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक की जाती है। बैठक में आए सुझाव व जिले में हुई सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को जानने के लिए मंथन किया जाता है। हाइवे में गति सीमा के बोर्ड लगवाने के लिए संबंधित विभाग को लिखा गया है।

रोहतक जिले में एक भी दुर्घटना प्वाइंट नहीं है। जहां पर भी हादसे होते है उसमें सड़क तकनीकी की कोई कमी नहीं होती है। अधिकतर सड़क हादसे नियमों की अनदेखी होने के कारण होते है।


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