नियम 134ए के तहत हाई कोर्ट ने सुनाया निर्णय
जागरण संवाददाता, रोहतक : नियम 134ए के तहत प्रदेश भर के पहली से आठवीं कक्षा के 65 हजार बच्चों को अब र
जागरण संवाददाता, रोहतक : नियम 134ए के तहत प्रदेश भर के पहली से आठवीं कक्षा के 65 हजार बच्चों को अब राहत मिलती नजर आ रही है। हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में गत दिवस हाई कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए है कि एक सप्ताह में बच्चों की दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो कोर्ट की अवमानना का केस किया जाएगा।
गौरतलब है कि नियम 134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों का एक जून को ड्रॉ के माध्यम से दाखिला किया जाना था, लेकिन सरकार ने ऐसा न करके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। पहला सत्र करीब समाप्त होने वाला है और सितंबर-अक्टूबर में पहले सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हो जाएंगी और अभी तक बच्चों का दाखिला भी नहीं हुआ है। बार-बार शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के आदेशों को मानने से इंकार कर रहा है। पहले भी हाई कोर्ट ने 15 दिन के अंदर दाखिला प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन शिक्षा निदेशालय ने कोर्ट के आदेशों की परवाह न करते हुए अभी तक दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं की है। यहां तक कि गत दिवस हाई कोर्ट के निर्देशों के बावजूद भी निदेशालय की ओर से अभी तक किसी भी जिले के शिक्षा अधिकारी को दाखिला प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी नहीं किए गए है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर है।
बच्चों का खर्च उठाने से बचना चाहती है सरकार : ¨सहमार
अंबेडकरवादी व दो जमा पांच मुद्दा जन आंदोलन के सदस्य रोहतास ¨सहमार ने बताया कि सरकार बच्चों का खर्च उठाने से बचना चाहती है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार पहली से आठवीं कक्षा में प्राइवेट स्कूलों दाखिला लेने वाले छात्रों का पूरा खर्च सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। प्रदेशभर में 65 हजार छात्र है जिसके कारण सरकार पर करोड़ों रुपये का बोझ पड़ेगा। बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने से बचने के लिए सरकार ने अभी तक दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं की है ताकि बच्चों के अभिभावक दुखी होकर स्वयं ही प्राइवेट स्कूलों में पूरी फीस देकर बच्चों का दाखिला करवा लें और सरकार खर्च से बच जाए। खर्च से बचने के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी भी कर रही थी।
बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़ : हुड्डा
नियम 134ए के तहत बच्चों का दाखिला करवाने के लिए संघर्षरत दो जमा पांच मुद्दा जन आंदोलन के संयोजक एडवोकेट सत्यवीर ¨सह हुड्डा ने बताया कि सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार चाहती तो पहले ही बच्चों का दाखिला हो सकता था और उन्हें कोर्ट जाने की जरूरत नहीं थी। लेकिन सरकार ने बच्चों का दाखिला करने की बजाय सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की योजना बनाई, जिससे साफ जाहिर है कि सरकार बच्चों को शिक्षा देने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। पहला सत्र लगभग समाप्त होने वाला है और अभी तक दाखिला प्रक्रिया भी शुरू न होना सरकार की नीयत को दर्शा रहा है। उन्होंने बताया कि गत दिवस सुनवाई में हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय को आखिरी मौका देते हुए स्पष्ट कहा है कि एक सप्ताह में अगर दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो निदेशालय के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज कर लिया जाएगा।
अभी तक उनके पास कोई निर्देश नहीं आए है। जब निदेशालय की ओर से बच्चों का दाखिला करने के लिए निर्देश मिल जाएंगे तो वह दाखिला प्रक्रिया शुरू कर देंगे। बिना निदेशालय के आदेशों के वह दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकते।
सुरेंद्र हुड्डा, चैयरमैन, ब्लॉक इंप्लीमेंटशन कमेटी फार नियम 134ए