नोटों के मकड•ाल में फंसे दर्जनों परिवार
साइड स्टोरी सूदखोरी - कई कर चुके हैं पलायन, कुछ को गंवानी पड़ी जान - पुलिस-प्रशासन अवैध कारोब
साइड स्टोरी सूदखोरी
- कई कर चुके हैं पलायन, कुछ को गंवानी पड़ी जान
- पुलिस-प्रशासन अवैध कारोबार पर नहीं कस पाया लगाम
जागरण संवाददाता, रोहतक : सूदखोरों के जाल में फंसे जवाहर नगर के परिवार का यह कोई बिरला मामला नहीं है। शहर के दर्जनों परिवार नोटों के गोरखधंधे के मकड•ाल में फंसे हुए हैं। विडंबना यह है कि कई लोगों के शहर से पलायन करने और कुछ के परेशान होकर जान गंवाने की घटना के बाद भी पुलिस-प्रशासन गली मोहल्ले में दफ्तर खोलकर बैठे इन कथित फाइनेंसस पर लगाम नहीं कस पाया है। इसके चलते इनका आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
कर्ज लेता है एक, चंगुल में फंसता है परिवार
महंगाई, बेरोजगारी और आसानी से रुपये मिलने का जरिया। इन तीनों परिस्थितियों का तालमेल किसी भी व्यक्ति को सूदखोरी के जाल में फंसा देता है। महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और बेरोजगार के लिए इससे पार पाने के लिए किसी न किसी दिन कथित फाइनेंसर्स का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। अगर कोई परिस्थितियां वश कथित फाइनेंसर के चंगुल में फंस जाए, तो इनके चंगुल से निकलना आसान नहीं होता। अगर, कर्ज लेने वाला व्यक्ति सूद समेत रुपये वापस नहीं कर पाता, तो फाइनेंसर उसके परिवार के लोगों पर तकादा करने लगते हैं।
रुपये न मिलने पर करते हैं बेइज्जत
अगर मोटे ब्याज और दिए गया कर्ज चुकाने पर में कर्जदार व उसका परिवार आनाकानी करता है, तो कथित फाइनेंसर उसकी बदनामी शुरू कर देते हैं। आए दिन घर व प्रतिष्ठान पर पहुंचकर अभद्रता और मारपीट करने लगते हैं। इससे तंग आकर कई युवक व उनका परिवार शहर से पलायन कर चुके हैं।
अपराध बढ़ोतरी का कारण बनी सूदखोरी
कथित फाइनेंसर का कर्ज मेहनत और ईमानदारी की कमाई से चुकाना बेहद मुश्किल है, क्योंकि यह दिए गए रुपयों पर मोटा ब्याज व पेनल्टी लगाते हैं। इसके चलते इनके चंगुल में फंसे लोग कई बार अपराध करने पर विवश हो जाते हैं। क्षेत्र में अपराध बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण भी सूदखोरी ही है।
व्यापारी उठा चुके हैं पाबंदी की मांग
एक वर्ष पूर्व सर्राफा बाजार में सहगल ज्वेलर्स में हुई लूट की वारदात के बाद पुलिस और व्यापारियों की अपराध पर लगाम के लिए बैठक हुई थी। सर्किट हाउस में हुई बैठक में पुलिस ने अपराध व अपराधियों पर लगाम के संबंध में व्यापारियों से सुझाव मांगे थे। इस दौरान व्यापारियों ने फाइनेंस के अवैध कारोबार पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। तत्कालीन एसपी सौरभ ¨सह के आश्वासन के बाद भी पुलिस ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
ये हैं सूदखोरों के आतंक की चर्चित वारदातें
एक माह पहले खोखरा कोट के दलित युवक को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म। चार माह पहले गांधी कैंप निवासी युवक का नहर में मिला शव, छोटे भाई ने किया था पलायन, बड़े पर फाइनेंसर बना रहे थे दबाव
दस माह पहले सब्जी मंडी थाना क्षेत्र से सरेशाम युवक अगवा, कथित फाइनेंस कार्यालय ले जाकर मारपीट
एक वर्ष पूर्व लाखनमाजरा क्षेत्र में छोटे भाई का कर्ज वसूलने को बड़े भाई की हत्या