स्कूल में दस मिनट मौत से खेलते रहे तीन मासूम
गांव बेडवा के राजकीय मिडिल स्कूल परिसर में तीन मासूम छात्र जिस वस्तु को खिलौना समझकर करीब दस मिनट तक
गांव बेडवा के राजकीय मिडिल स्कूल परिसर में तीन मासूम छात्र जिस वस्तु को खिलौना समझकर करीब दस मिनट तक खेलते रहे, वो एक खतरनाक ¨जदा हथगोला था। बच्चों के खेल में अगर थोड़ी चूक हो जाती तो स्कूल में बड़ी तबाही मच सकती थी। लेकिन इसे भगवान की मेहरबानी ही कहा जाएगा कि बच्चों के हाथों में गेंद की तरह घूम रहा मौत का सामान फटा नहीं। इस बड़े हादसे टालने में स्कूल के मुख्याध्यापक का हाथ रहा है, जिन्होंने समय रहते हथगोले को पहचान लिया और इसे बच्चों के हाथ से लेकर सुरक्षित रखवा दिया।
बेडवा गांव के राजकीय मिडिल स्कूल में सोमवार दोपहर पांचवीं कक्षा के छात्र अमन अपने सहपाठियों के साथ परिसर में खेल रहा था। खेलते वक्त उसे मिट्टी से सनी गेंदनुमा वस्तु यानि हथगोला मिली। बताते हैं कि अमन ने इसे गेंद समझकर खेलना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं मिट्टी को हटाने के लिए उसने हथगोले को स्टेज पर फेंक कर मारा ताकि मिट्टी साफ हो सके। इतना ही उसने हथगोले की पिन को भी खींचने का प्रयास किया, लेकिन जंग लगी होने के कारण पिन खुली नहीं। अगर पिन खुल जाती तो हथगोला फट जाता और वहां तीनों मासूमों के अलावा अन्य छात्र चपेट में आ जाते।
पुलिस में रहने का अनुभव आया काम
स्कूल के मुख्याध्यापक सतबीर सहारण पहले पुलिस में थे। लेकिन बाद में पुलिस से अध्यापन क्षेत्र में आ गए। बच्चे में हाथ में जब उन्होंने हथगोले को देखा तो उन्होंने इसे तुरंत पहचान लिया। सतबीर सहारण ने हथगोल को तुरंत उसके हाथ से लिया और गांव के प्रबुद्ध् लोगों को इसकी इतला दी। इतना ही नहीं इसके बाद महम पुलिस को सूचना देने के साथ ही ग्रामीणों से विचार-विर्मश करके स्कूल की छुट्टी करके बच्चों को घर भेज दिया। इसके बाद पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने पहुंच कर स्थिति को काबू किया।
धमाके से हिल गए ग्रामीण
ग्रामीण व शिक्षक पहले तो इस मामले को इतना गंभीर नहीं मान रहे थे, लेकिन जब बम निरोधक दस्ते ने स्कूल से दूर खेत म ं गड्ढा खोदकर निष्क्रिय किया तो धमाके के साथ धूल का गुब्बार छा गया। इसको देखकर ग्रामीण एक बार तो हिल गए। बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों ने हथगोला निष्क्रय होने के बाद ही राहत की सांस ली।
तालाब में पुलिस ने की जांच शुरू
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह तो स्पष्ट ही हो गया कि स्कूल में हथगोला तालाब की मिट्टी के साथ ही आया था। अब पुलिस ने तालाब में जिस जगह से मिट्टी उठाई जा रही है, वहां की जांच शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस को इसके अलावा कुछ नहीं मिला। अब पुलिस इस दिशा में जांच आगे बढ़ा रही है कि तालाब में हथगोला कब और किसने फेंका।
सैनिक और पूर्व सैनिकों से होगी पूछताछ
पुलिस ने अब हथगोले को लेकर गांव के सैनिक और पूर्व सैनिकों से पूछताछ करने की तैयारी शुरू कर दी है। गांव में सैनिक व पूर्व सैनिकों की सूची तैयार की जाएगी ताकि उनसे इस बारे में पूछताछ करके कोई सुराग लगाया जा सके। लेकिन पुलिस के लिए यह इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि हथगोला वर्षों पुराना है और यह पता नहीं लग पाया कि किस कंपनी का है। लेकिन प्रारंभिक जांच में हथगोला सेना का लग रहा है।
हथगोला इसलिए स्कूल में नहीं किया निष्क्रिय
वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी दिनेश दलाल ने बताया कि पहले स्कूल परिसर में ही हथगोले को निष्क्रय करने की योजना थी, लेकिन स्कूल के आसपास आबादी होने के कारण निर्णय बदलना पड़ा। गांव से बाहर खेतों में पांच फुट गहरा गड्ढा खोदकर इसे सावधानी पूर्वक ढंग से निष्क्रय किया गया। गड्ढे से डेढ़-दो किलोमीटर तक लोगों को नहीं आने दिया।
जांच आगे बढ़ा दी है
हथगोला मिलने की जांच आगे बढ़ा दी है। तालाब में जहां से मिट्टी उठाई गई है, उस एरिया की जांच की जाएगी। इसके अलावा गांव के सैनिक और पूर्व सैनिकों से भी इस संदर्भ में पूछताछ करेंगे ताकि कोई सुराग हाथ लग सके।
राजेंद्र गहलावत, प्रभारी, महम थाना