Move to Jagran APP

'पुलिस के प्रयास से नशामुक्त हुआ मांडौठी गांव'

- आइजी बोले, युवाओं को अपराध-नशे से दूर करने को किया प्रयास - मंडल के पुलिस अफसर और विशेष टीम

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 10:21 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 10:21 PM (IST)

- आइजी बोले, युवाओं को अपराध-नशे से दूर करने को किया प्रयास

loksabha election banner

- मंडल के पुलिस अफसर और विशेष टीम को बताई योजना की महत्ता

जागरण संवाददाता, रोहतक : कभी झज्जर के सबसे कुख्यात गांव कहे जाने वाले मांडोठी को आठ वर्ष पूर्व विकास की ओर ले जाने का सफल प्रयास किया गया। गांव को गोद लेकर ही वहां के युवाओं को नशाखोरी और अपराध से दूर ले जाने का प्रयास सफल हो पाया था। खेल आदि गतिविधियों में शिरकत करने के बाद युवाओं को आसानी से सही रास्ते पर लाया जा सकता है। यह विचार पुलिस महानिरीक्षक श्रीकांत जाधव के हैं, वे बुधवार को आइडीटीआर में मंडल के पुलिस अधिकारी और गांव गोद लेने की मुहिम के लिए गठित की गईं विशेष टीम व अन्य को संबोधित कर रहे थे।

आइजी श्रीकांत जाधव ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2007-2008 में झज्जर गांव मांडौठी आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात था। उस दौरान आइजी झज्जर जिले में एसपी पद पर तैनात थे। उन्होंने मांडोठी गांव का अध्यन किया, तो पता चला कि गांव के युवा रास्ता भटककर नशे और अपराध की दलदल में जा रहे हैं। इसके चलते उन्होंने गांव को गोद लेकर उसे अपराध मुक्त करने का प्रयास शुरू किया। गांव को अपराध व नशा मुक्त करने के लिए उन्होंने वहां के युवाओं को खेल आदि गतिविधियों में शामिल कराने का प्रयास किया। कई आयोजन गांव में कराए जिससे गांव के युवा का आकर्षण खेलों की तरफ बढ़ जाए। इसका लाभ भी मिला और गांव के युवा नशा और अपराध का रास्ता छोड़ खेल आदि गतिविधियों में शामिल हो गए। अब इसी योजना के अंतर्गत मंडल के विभिन्न गांवों को गोद लिया गया है। रोहतक पुलिस ने बोहर व इस्माइला, सोनीपत पुलिस ने भठगांव, पानीपत पुलिस ने नारा व हथवाला तथा झज्जर पुलिस ने सिद्धीपुर, लोवा गांव गोद लिया है। इस दौरान आइजी ने मांडौठी गांव में चलाई मुहिम की डॉक्यूमेंट्री दिखाकर अभियान के बारे में समझाया।

गांव गोद लेने के उद्देश्य

- अनहोनी से पहले उसको रोकना।

- पुलिस व जनता को आपस में जोड़ना।

- अपराध, अवैध हथियार, शराब तस्करी, नशीले पदार्थों पर रोक।

- अपराधियों को गांव से बहिष्कृत कर शांति व सौहार्द का वातावरण बनाना।

अपनाई जाएगी यह प्रक्रिया

- अमन-शांति चाहने वाले नौजवानों व मौजिज लोगों, आपसी रंजिश, जमीनी विवाद, अपराध, नशाखोरी की तरफ बढ़ रहे लोगों की अलग-अलग सूची बनेगी।

- जिले से कुशल व शिक्षित पुलिसकर्मियों की टीम बनेगी, जिसमें एक तिहाई महिला पुलिसकर्मी सहित 15 से 20 पुलिसकर्मी शामिल होंगे।

- सामाजिक, धार्मिक संगठनों को गांव में ले जाकर ग्रामीणों से संवाद कायम किया जाएगा।

- खेल प्रतियोगिता, मनोरंजन के कार्यक्रम, आध्यात्मिक कैंप, योग शिविर आदि करवाए जाएंगे

वर्जन --

अपराध मुक्त समाज और भयमुक्त वातावरण स्थापित करने की कड़ी में ही गांव गोद लेने की मुहिम शुरू की गई है। युवाओं को खेल आदि गतिविधियों के जरिये नशाखोरी व अपराध से दूर किया जाएगा। आपसी रंजिश व गैंगवार खत्म कर शांतिप्रिय माहौल स्थापित किया जाएगा। इन गांवों को सही दिशा देने के बाद अन्य गावों को गोद लिया जाएगा।

-श्रीकांत जाधव, पुलिस महानिरीक्षक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.