थाना पुलिस व चिकित्सक पर कस सकता है शिकंजा
जागरण संवाददाता, रोहतक : दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई अशक्त युवती का एक माह तक पुलिस, चिकित्सक और कोर
जागरण संवाददाता, रोहतक : दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई अशक्त युवती का एक माह तक पुलिस, चिकित्सक और कोर्ट के चक्कर लगाने के बावजूद भी गर्भपात नहीं हो पाया। जबकि ऐसे मामलों में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट लापरवाही न बरतने और तुरंत कार्रवाई के आदेश दे चुका है। इसके चलते पीड़ित परिवार ने हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया है। अब हाई कोर्ट पुलिस और चिकित्सकों पर शिकंजा कस सकता है।
सांपला थाना क्षेत्र के गांव रुड़की निवासी अशक्त युवती से पड़ोसी दुकानदार ने दुष्कर्म किया था। इससे पीड़ित गर्भवती हो गई थी। सवा माह पहले अल्ट्रासाउंड कराने के बाद परिजनों को इसकी जानकारी हुई और उन्होंने आरोपी पर रिपोर्ट दर्ज करा दी। परिजनों का कहना है कि इसके बाद ही थाना पुलिस से उन्होंने पीड़िता का गर्भपात कराने की मांग की थी। इसके बावजूद उन्हें कोर्ट से अनुमति लेकर आने की बात कहकर टरका दिया गया। इसके चलते पीड़िता एक माह अधिक की गर्भवती हो गई।
सेशन कोर्ट में जाने से हुई हाई कोर्ट के आदेश की जानकारी
पीड़िता के गर्भपात की अनुमति लेने के लिए परिजनों ने सेशन कोर्ट में गुहार लगाई। तब जाकर उन्हें हिसार मामले के बाद हाई कोर्ट के दिए गए आदेशों की जानकारी हुई। हाई कोर्ट ने अपने आदेशों में साफ कहा था कि दुष्कर्म पीड़िता के गर्भवती होने पर उसकी स्वेच्छा से गर्भपात कराया जा सकता है। इसके लिए कोर्ट की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। मामला संज्ञान में आते ही पुलिस और चिकित्सकों को कार्रवाई करनी चाहिए। मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच होनी चाहिए और पीड़िता स्वास्थ्य ठीक है, तो गर्भपात किया जाना चाहिए। इसके बावजूद पीड़ित परिवार को एक माह तक गुमराह किया गया था। ऐसे में हाई कोर्ट शिकायत मिलने पर थाना पुलिस और चिकित्सक पर शिकंजा कस सकता है।