Move to Jagran APP

सैनिक बेटे के इंतजार में पथरा गई मां की आंखें

जागरण संवाददाता, रोहतक : सैनिक बेटे के लौटने की आस में एक मां की आंखें चार वर्ष से इंतजार करते-करते

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, रोहतक : सैनिक बेटे के लौटने की आस में एक मां की आंखें चार वर्ष से इंतजार करते-करते पथरा गई हैं, लेकिन अभी तक बेटे की झलक देखने को नहीं मिल पाई। हर रोज इसी उम्मीद के साथ नींद से जगती है कि बेटा आएगा।

loksabha election banner

लेकिन उसकी यह उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही। अब तो इंतजार करने की हिम्मत भी नहीं रही। यह पीड़ा है जिले के गांव कंसाला निवासी 65 वर्षीय शांति की, जो अपने बेटे का लौटने का इंतजार कर रही है।

गांव कंसाला निवासी 26 वर्षीय सुनील पुत्र कृष्ण असम राइफल में बतौर ड्राइवर के पद पर कार्यरत था। सुनील डेढ़ महीने की छुट्टी पर घर आया हुआ था। छुट्टी खत्म होने से एक दिन पहले 21 अगस्त 2010 को घर से बिना किसी को बताए चला गया। आज तक वापस नहीं लौटा है। सुनील की खोजबीन के लिए परिजन दिन-रात एक किए हुए हैं, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया।

अनहोनी की हो रही आशंका

शांति देवी ने बताया कि बेटे सुनील के इंतजार में घर से बाहर पूरा दिन बैठी रहती हूं, लेकिन अंधेरा होने के बाद निराश होकर बिस्तर पर चली जाती हूं। बेटे का गम अब सहन नहीं हो रहा। शासन-प्रशासन से इस बारे में दुहाई करी जा रही है, लेकिन कहीं से भी उम्मीद की एक किरण नहीं दिख आ रही। उम्मीद है तो सुनील के सकुशल वापस लौटने की।

सताने लगी आर्थिक तंगी

सुनील घर में अकेला कमाने वाला था, उसकी तनख्वाह से घर का गुजारा चलता था। सुनील की सगाई हो चुकी थी और कुछ समय बाद ही शादी होनी थी। लेकिन सुनील के जाने के बाद परिवार पर आर्थिक संकट भी आना शुरू हो गया। भगवान से यहीं मन्नत मांग रहे हैं कि सुनील सकुशल घर लौट आए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.