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अवैध निर्माण होते रहे, अधिकारी सोते रहे

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर में दो साल के अंदर करीब 1200 अवैध निर्माण खड़े हो गए। हैरानी की बात तो

By Edited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर में दो साल के अंदर करीब 1200 अवैध निर्माण खड़े हो गए। हैरानी की बात तो ये है कि अवैध निर्माण होते रहे और अधिकारी सोते रहे। उपायुक्त से लेकर शहरवासियों के जेहन में इस समय एक ही सवाल घूम रहा है कि आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में अवैध निर्माण कैसे हो गए। निगम के अधिकारियों की कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक ही सिमट कर रह गई। रोहतक वीआइपी सिटी रहने की वजह से राजनीतिक दबाव भी निगम अधिकारियों की राह में बाधा बने रहा। अब प्रश्न यह है कि क्या इन अवैध निर्माणों के खिलाफ निगम का हथौड़ा चलेगा या नोटिस देकर ही कर्तव्य से इतिश्री कर ली जाएगी।

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असर : दोबारा बनाई जा रही अवैध निर्माणों की सूची : दैनिक जागरण में लगातार प्रकाशित खबर पर उपायुक्त शेखर विद्यार्थी ने संज्ञान लिया है। उनके निर्देश पर निगम की योजनाकार शाखा शहर में हुए अवैध निर्माण की दोबारा लिस्ट बनाने जा रही है। यही नहीं अब तक निगम की ओर से अवैध निर्माणों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी इकट्ठंा की जा रही है।

अवैध निर्माणों को ढहाना चुनौती : शहर में करोड़ों रुपये खर्च करके हुए अवैध निर्माणों को ढहाना अब प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। अवैध निर्माण करने वालों की संख्या एक हजार से अधिक होने की वजह से शहर में कोई भी कार्रवाई करने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसलिए प्रशासन की ओर से अवैध निर्माणों को लेकर समझौता पॉलिसी भी लागू की जा सकती है। इस पॉलिसी के लागू कराने से निगम को भी करोड़ों रुपये की आय हो सकता है।

उपायुक्त भी हैरान, कैसे बन गए हजारों अवैध निर्माण : उपायुक्त शेखर विद्यार्थी भी निगम की योजनाकार शाखा की कार्यशैली को लेकर काफी हैरान हैं कि कैसे एक-एक कर हजारों अवैध निर्माण शहर में हो गए। अवैध निर्माणों के खिलाफ सिर्फ कागजी कार्रवाई तक निगम के अधिकारी सीमित रह गए। आखिरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ अवैध करने से रोका क्यों नहीं गया।

की जाएगी समीक्षा, तभी होगी कार्रवाई : शेखर

उपायुक्त एवं निगमायुक्त शेखर विद्यार्थी ने कहा कि शहर में बने अवैध निर्माणों की कार्रवाई रिपोर्ट मंगवाई गई है। इस पूरे मामले की समीक्षा की जाएगी। आखिरकार कहां पर अधिकारियों से चूक हुई और इस पूरे मामले में किसकी जिम्मेदारी बनती है। समीक्षा के बाद ही इस मामले में आगामी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार निकाले कोई स्थायी समाधान : बत्तरा : हतक से कांग्रेस के पूर्व विधायक भारत भूषण बत्तरा ने कहा कि शहर में कोई भी निर्माण अवैध तरीके से होता है तो उसे रोकना प्रशासन का काम है। सरकार को कुछ न कुछ सोचना चाहिए। जो निर्माण हो चुके हैं, उनको लेकर कोई स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए। मैं इन भवनों को गिराने के पक्ष में नहीं हूं। हमने अपने शासनकाल के दौरान गिराने भी नहीं दिया।

अवैध निर्माण गलत, सबक सिखाना जरुरी : बलराज : वार्ड 9 के पार्षद बलराज उर्फ बल्लू का कहना है कि शहर में अवैध निर्माण करना गलत है। अब लोगों ने करोड़ों रुपये लगा लिए हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें गिराना भी ठीक नहीं। मगर अवैध निर्माण करने वालों को सबक सिखाना भी बहुत जरुरी है। इसके लिए निगम की ओर से उन्हें जुर्माना लगाना चाहिए ताकि भविष्य में निगम की बिना इजाजत के कोई निर्माण शुरू ही न कर सके।

कहते है शहरवासी : अधिकारियों पर हो कड़ी कार्रवाई : पंकज

शहरवासी पंकज ने बताया कि निगम के जिन अधिकारियों की अनदेखी की वजह से इतने बड़ी संख्या में अवैध निर्माण बने हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। निगम के अधिकारी सिर्फ कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रहे। उन्होंने अवैध निर्माण क्यों नहीं रोके।

पैनल्टी लगाए निगम : ओमबीर

शहरवासी ओमबीर ने बताया कि अवैध निर्माणों को गिराने के बजाए निगम उनके खिलाफ जुर्माना लगाए। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो जाएगी और जुर्माना के डर से लोग भविष्य में भी अवैध निर्माण नहीं करेंगे।

शुरुआत में ही लगा देनी चाहिए पूर्ण रोक : ईश्वर

शहरवासी ईश्वर ने बताया कि शहर में अगर कोई भी निर्माण अवैध तरीके से होता है तो निगम प्रशासन व पुलिस प्रशासन को प्रथम दृष्टया ही पूरी तरह रोक लगा देनी चाहिए। इतना ही इसके बाद भी अगर कोई निर्माण जारी रखता है तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करके अवैध निर्माण को पूरी तरह सील कर देना चाहिए।


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