दुल्हेड़ा माइनर टूटी, सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
संवाद सहयोगी, सांपला : ईस्माइला गांव के समीप दुल्हेड़ा माइनर टूटने से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। नहर की पटरी टूटने की सूचना के बावजूद घंटों बाद तक नहरी विभाग के अधिकारियों ने सुध तक नहीं ली। किसानों में नहरी विभाग के अधिकारियों के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।
ग्रामीणों में मच हड़कंप : जानकारी के अनुसार गाव इस्माइला के साथ से गुजरती दुल्हेड़ा माइनर गाव के बेरी मार्ग को जोड़ने वाले रास्ते पर बने पुल के पास बुर्जी नंबर 48 हजार के पास बीती रात पटरी टूट गई। नहरी विभाग के कर्मचारी नहर के रखरखाव के लिए तैनात होने के बाद भी पटरी टूटने की खबर उन्हे नही चली। विभाग के कर्मचारियों को नहर की पटरी टूटने का पता शनिवार सुबह लगा तो विभाग के मेठ व बेलदार मौके पर पहुचे तथा अधिकारियों को सूचना दी। तेज बहाव के कारण सुबह तक पटरी में करीब 100 फीट से ज्यादा का कटाव हो चुका था। नहर टूटने तथा फसल की तबाही को लेकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया तथा गाव ईस्माइला सहित कुलताना व सांपला की जमीन में भी पानी जमा हो गया। पानी का बहाव घंटों बाद भी बंद न होने के कारण फसलों में जलभराव हो गया। सूचना के बाद भी काफी घटो बाद मौके पर अधिकारी मजदूरों के साथ पहुचे तथा पानी का बहाव बंद करवाकर पटरी के मरम्मत का काम शुरू किया गया। बताया जाता है कि नहर टूटने के कारण सैंकड़ों एकड़ भूमि में पानी फैल गया। फसलों में पानी जमा होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। खास बात यह है कि जहा से नहर की पटरी टूटी है वहा नहर का पूल है तथा दोनों तरफ पक्की दीवार के साथ घाट बना हुआ है। हालातों से साफ है कि किसी ने शरारत कर नहर की पटरी को तोड़ने का काम किया है। वहीं कयास यह भी लगाया जा रहा है कि पानी की तेज बहाव व ज्यादा पानी आने के कारण दरार आने से नहर की पटरी में लंबी दरार आ गई।
किसानों में रोष : किसान सत्ते, राजू, रमेश, संजय, रविन्द्र व राजा का कहना है कि अगर नहरी विभाग के कर्मचारी समय पर निरीक्षक करते रहे तो नहर को टूटने से बचाया जा सकता था। विभाग की लापरवाही के कारण ही उनकी फसल बर्बाद हो गई जिससे उन्हे लाखों रुपये का नुकसान हो गया।
नहर में बह रहा था 421 क्यूसिक पानी : गाव ईस्माइला के पास से बहती दुल्हेड़ा माइनर की जिस समय पटरी में दरार आई थी, उस समय नहर में करीब 421 क्यूसिक पानी बह रहा था। विभाग सुबह नहर की पटरी टूटने का दावा कर रहा है लेकिन हालत कुछ ओर ही बयां कर रही हैं। जिस तरह सैकड़ों एकड़ फसल में कई -कई फीट पानी जमा हो गया तथा साथ लगती फसल तो पानी में ही डूब गई है। विभाग के अधिकारी शनिवार को भी काफी सुबह दस बजे के बाद ही मौके पर पहुचे तथा पीछे से कन्हेली हेड से पानी का बहाव बंद करवाया।
मरम्मत का काम शुरू : नहर की पटरी को ठीक करने का काम एसडीओ सिंधु की देखरेख में करीब पाच दर्जन मजदूर लगे हुए है। एक जेसीबी मशीन भी काम पर लगाई गई है। विभाग का दावा है कि मरम्मत का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
पहले भी टूट चुकी है माइनर : गाव इस्माइला के पास से नहर की पटरी टूटने का यह कोई नया वाक्या नही है बल्कि हर वर्ष गाव के पास से नहर टूट जाती है या फिर तोड़ दी जाती है। अगर गत वर्षो पर नजर दौड़ाएं तो हर वर्ष कम से कम दो बार नहर टूटी है जिससे काफी नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है। हर वर्ष ऐसी घटना होने के बाद भी विभाग कोई सबक नही ले रहा है। यही नही इन दिनों बुर्जी नंबर 46 हजार के पास भी पटरी नाजुक हालत में है।