जीपीएस सिस्टम से लैस होंगे कूड़ा उठाने वाले वाहन
कृष्ण वशिष्ठ, रोहतक
शहर के विभिन्न हिस्सों से कूड़ा उठाने वाले वाहन भी अब जीपीएस सिस्टम से लैस होंगे। वाहनों में ये सिस्टम कूड़ा उठाने वाले कार्य में लगे ठेकेदार को ही लगाने होंगे। निगम ने लिफ्टिंग कार्य के पुराने ठेके को खत्म कर दिया है और अब नए ठेके के लिए टेंडर लगा दिए गए हैं। निगम की शर्तो को पूरा करने वाले ठेकेदार को शहर में कूड़े का लिफ्टिंग कार्य दे दिया जाएगा। नए टेंडर के मुताबिक अब शहर में कूड़ा उठाने के लिए छह जोन की बजाय एक ही जोन बनाया जाएगा और पूरे शहर का ठेका एक ही ठेकेदार को दिया जाएगा। कूड़ा उठाने का ठेका एक साल के लिए ही दिया जाएगा लेकिन ठेकेदार का लिफ्टिंग कार्य संतोषजनक पाए जाने पर इसे एक साल के लिए और भी बढ़ाया जा सकता है। नए कार्य का टेंडर 8 अगस्त को खोला जाएगा।
जीपीएस से यह होगा फायदा : वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगने से निगम के अधिकारी कार्यालय में बैठे-बैठे ही हर ट्रैक्टर-ट्रॉली की लोकेशन का पता लगा सकेंगे। इतना ही नहीं अगर कोई ट्रैक्टर-ट्राली का चालक कूड़ा उठाने में लापरवाही बरतता है और ट्रैक्टर ट्रॉली को किसी दूसरे स्थान पर ले जाता है तो उसका पता भी चल जाएगा और लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सकेगी। ठेकेदार को कार्य का भुगतान भी वाहनों की जीपीएस रिपोर्ट के बाद ही किया जाएगा।
पूरे शहर का एक ही जोन बनाया : निगम ने नए ठेके के लिए किए गए टेंडर में पूरे शहर का एक ही जोन बनाया है। पुराने ठेके के मुताबिक बने छह जोन को इस बार खत्म कर दिया जाएगा। लिफ्टिंग के कार्य का ठेका लेने वाले ठेकेदार के 21 ट्रैक्टर ट्रॉली लगाए जाएंगे, मगर उसके पास कम से कम वर्ष 2010 के बाद खरीदे गए 25 ट्रैक्टर-ट्रॉली होने चाहिए। इसके अलावा निगम के पास चार ट्रैक्टर-ट्रॉली, एक रोबोट, 3 डंपर प्लेसर, एक कंपेक्टर गाड़ी व कूड़ा उठाने वाले कर्मचारी निगम की ओर से ठेकेदार को मुहैया कराए जाएंगे। इन वाहनों का बीमा, मरम्मत, तेल व अन्य खर्च ठेकेदार को ही वहन करना होगा। इसके अलावा ठेकेदार को जेसीबी का भी प्रबंध करना होगा। निगम के कूड़ा लिफ्टिंग क्षेत्र में एक लाख 70 हजार भवन आते हैं। इनमें करीब पांच लाख जनसंख्या है। ठेकेदार को इस पूरे क्षेत्र से कूड़ा उठाकर सुनारिया स्थित ठोस कचरा प्रबंधन में डालना होगा।
यह भी करना होगा ठेकेदार को : ठेकेदार को कूड़ा उठाने के अलावा निगम के अधिकारियों को आपराधिक घटनाओं से संबंधित जानकारी भी देनी होगी। इसके अलावा बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट, सीवर के टूटे हुए ढक्कन, चैंबरों की टूटी हुई जाली, सड़क में आने वाले गढ्डे और सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं की जानकारी भी निगम अधिकारियों को देनी होगी।
जुर्माने का भी है प्रावधान : ठेकेदार द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर निगम की ओर से जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह जुर्माना 100 से लेकर पांच हजार रुपये तक हो सकता है। ठेकेदार के साथ लगे कर्मचारी वर्दी में न होने पर कम से कम 100 रुपये और ज्यादा जुर्माना यानी पांच हजार रुपये तक लगाया जाएगा।