भारत में 'खामोश हत्यारा' ले लेता है ढाई लाख जिंदगियां
जागरण संवाददाता, रोहतक :
हेपेटाइटिस से भारत में हर वर्ष लगभग ढाई लाख लोगों की मौत हो जाती है। विश्व में प्रत्येक 12 में से लगभग एक व्यक्ति या लगभग 500 मिलियन लोग क्रानिक वायरल हेपेटाइटिस और हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं। लेकिन 70- 80 फीसद लोगों में इस रोग के बारे में किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं देते। इसलिए इस रोग को 'खामोश हत्यारा' भी कहा जाता है। दुनिया में हर वर्ष वायरल हेपेटाइटिस के कारण 1.5 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है, इतने ही लोग एचआइवी एड्स के कारण मौत का शिकार होते हैं। यह लीवर कैंसर का मुख्य कारण है, जो वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे अधिक घातक कैंसर है।
हेपेटाइटिस वायरस के पाच प्रकार : हेपेटाइटिस लीवर (यकृत) में सामान्यत: वायरल संक्रमण के कारण होने वाली सूजन का नाम है। हेपेटाइटिस वायरस मुख्यत: पाच प्रमुख प्रकार के होते हैं, जिन्हें ए,बी, सी, डी व ई कहा जाता है। विशेष रूप से, टाइप बी व सी लाखों लोगों में क्रानिक रोग फैलाते हैं और एक साथ मिलकर ये लीवर सिरोसिस व कैंसर का कारण बनते हैं। हेपेटाइटिस ए व ई दूषित खाने या पानी के न पचने के कारण होते हैं। हेपेटाइटिस बी, सी व डी सामान्यत: संक्रमित सूइयों के उपयोग या रेजर या शेविंग उपकरणों के साझे उपयोग के माध्यम से संक्रमित शरीर द्रव्यों के आंत्रेतर संपर्क के परिणामस्वरूप होते हैं।
लीवर कैंसर का भी खतरा : विश्वभर में लगभग 130-170 मिलियन लोग हेपेटाइटिस सी वायरस से चिरस्थाई रूप से संक्रमित हैं और हर वर्ष हेपेटाइटिस सी से संबंधित लीवर रोगों से साढ़े तीन लाख से अधिक लोग मर जाते हैं। भारत में लगभग 10 मिलियन भारतीय एंटी -एचसीवी पॉजीटिव हैं और उनमें से 5 मिलियन वायरेमिक हो सकते हैं। इनमें से लगभग 25 फीसद यानी एक मिलियन से अधिक को 2 दशकों के अंदर क्रानिक लीवर रोग हो सकता है, और उनमें से 1-4 फीसद को लीवर कैंसर हो सकता है।
नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी : विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर रोहतक के डाक्टरों ने हेपेटाइटिस रोग से लड़ने के लिए अपनी प्रतिज्ञा दोहराई। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य संस्थान के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने कहा कि भारत के विभिन्न भागों में किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 20 मिलियन भारतीय हेपेटाइटिस बी के वाहक (करियर) हैं और लगभग 12 मिलियन को खामोश हेपेटाइटिस सी वायरस संक्रमण हो सकता है। उन्होंने कहा कि नियमित स्वास्थ्य जांच की इस रोग से बचने का एकमात्र उपाय है। इसके अलावा जन जागरूकता, टीकाकरण के लिए वैश्विक दिशा-निर्देशों और भोजन व पानी की स्वच्छता से लीवर रोग का बोझ कम किया जाता सकता है।
इलाज के लिए बिना ब्याज के मिलेगा ऋण : सरकार इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए और रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अब सरकार ने हेपेटाइटिस रोग के इलाज के लिए मरीज को बिना ब्याज से ऋण देने का निर्णय लिया है। पीजीआइएमएस में वर्तमान में 425 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि इतने ही मरीज इलाज ले चुके हैं। हरियाणा सरकार की जीवनरेखा योजना के तहत इस रोग का उपचार किया जा रहा है।