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10 साल में भत्ता बांटा 27 करोड़, रोजगार सिर्फ 21 को

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 01:00 AM (IST)
10 साल में भत्ता बांटा 27 करोड़, रोजगार सिर्फ 21 को

कृष्ण वशिष्ठ, रोहतक : वीआइपी शहर के रोजगार विभाग का आलम यह है कि 10 साल में विभाग ने पंजीकृत बेरोजगारों को भत्ता तो 27 करोड़ रुपये वितरित कर दिया, लेकिन रोजगार सिर्फ 21 को ही दिला पाया। विपक्षी पार्टियां भी सरकार पर आरोप लगाती रही कि पूरे प्रदेश में रोहतक में नौकरी टॉफियों की तरह वितरित की गई हैं, लेकिन रोजगार विभाग के आंकड़ों पर यकीन करें तो इस दौरान करीब एक लाख पढ़े-लिखे युवाओं ने विभाग में पंजीकरण कराया है। युवाओं को रोजगार दिलाने में विभाग साल दर साल पिछड़ता जा रहा है। रोहतक में बेरोजगारों की यह कहानी विभाग के आंकड़े बयान कर रहे हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता डॉ. दीपक चौहान को दी गई सूचना के अनुसार रोजगार विभाग ने रोहतक में पिछले 10 सालों में करीब एक लाख बेरोजगारों को 27 करोड़ रुपये का बेरोजगारी भत्ता वितरित कर दिया लेकिन इस दौरान विभाग मात्र 21 युवाओं को ही रोजगार दिला पाया है।

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भत्ते के लिए विभाग के मापदंड : कम से कम 10वीं पास बेरोजगार भत्ता पाने का हकदार है। बशर्ते उसके परिवार की सभी साधनों से वार्षिक आय 50 हजार रुपये से अधिक न हो और घरेलू व वाणिज्यिक संपत्ति की कीमत 10 लाख से अधिक न हो। बेरोजगार की उम्र 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। 12वीं कला संकाय के पुरुष प्रार्थी को 500 रुपये, विज्ञान संकाय के प्रार्थी को 750 रुपये एवं महिला प्रार्थी को 900 रुपये, कला स्नातक पुरुष प्रार्थी को 750 रुपये, विज्ञान स्नातक को एक हजार, स्नातक व उसके अधिक शिक्षा प्राप्त महिला को 1500 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है।

वर्ष अनुसार प्रार्थी व बेरोजगारी भत्ते का ब्यौरा

वर्ष प्रार्थी भत्ता राशि में रोजगार

2003 484 100950 --

2004 250 2353325 --

2005 8151 6730500 --

2006 8842 5575900 --

2007 5369 3996100 --

2008 8776 27589850 3

2009 12372 19526850 1

2010 16827 41760650 1

2011 18127 46269250 16

2012 12644 87895900 --

2013 12054 29868700 --

कुल 103898 271667975 21

विभाग को दिलाना चाहिए रोजगार : दीपक

आरटीआइ कार्यकर्ता प्रेम नगर निवासी डॉ. दीपक चौहान का कहना है कि रोजगार विभाग करोड़ों रुपये का भत्ता देने में तो सक्षम है लेकिन युवाओं को रोजगार दिलाने में कोई खास कदम नहीं उठा रहा है। विभागीय अधिकारियों को चाहिए कि वो विभिन्न सरकार विभागों व निजी कंपनियों से संपर्क कर समय-समय पर रोजगार मेले का आयोजन कर युवाओं को रोजगार दिलाने में अहम भूमिका निभाएं।

इस बारे में मंडल रोजगार अधिकारी संतोष कुमारी ने बताया कि सरकारी नौकरियां तो अब प्रदेश सरकार की ओर से सीधी भर्ती प्रक्रिया से पूरी कर ली जाती हैं। रही बात निजी कंपनियों की तो विभाग समय-समय पर रोजगार मेले लगाता रहता है। इन मेलों में कितने युवाओं को रोजगार मिला, इसकी जानकारी विभाग नहीं रखता है।


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