उपचार के लिए आया सजायाफ्ता पुलिस हिरासत से भागा
जागरण संवाददाता, रोहतक : कैथल कारागार से पीजीआई में उपचार के लिए आया सजायाफ्ता कैदी बुधवार को नया बस स्टैंड से चकमा देकर भाग गया। पुलिस ने डेढ़ घंटे की घेराबंदी के बाद आरोपी को माता दरवाजे से काबू कर लिया।
कैथल जिले के गांव मांडी निवासी दर्शन पत्नी की हत्या के आरोप में कारागार में बंद है। पुलिस का कहना है कि दर्शन को कोर्ट से बीस वर्ष की सजा हो चुकी है। बुधवार को दर्शन ने कैथल कारागार प्रशासन से बीमार होने की बात कही थी। उसे जेल के अस्पताल से पीजीआई भेज दिया गया था। दर्शन को इएएसआइ महेंद्र और सिपाही प्रदीप पीजीआइ लेकर आए थे। उपचार के बाद पुलिसकर्मी कैथल जेल जाने के लिए नया स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान दर्शन पुलिसकर्मियों को धक्का देकर भाग लिया। कैदी के भागने की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस ने शहर में नाकेबंदी की और माता दरवाजे के पास से आरोपी को ऑटो में बैठने के दौरान दबोच लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 224 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कैदी की फरारी ने छुड़ाए पुलिस के पसीने : लगभग अधेड़ आयु का बीमार कैदी एक इएएसआइ और एक सिपाही को चकमा देकर भागने में सफल हो गया। इसकी सूचना जब फ्लैश हुई, तो शहर भर की पुलिस नाकेबंदी कर कैदी को तलाशने में जुट गई। पुलिस कैदी को जगह-जगह तलाशने लगी। पुलिस ने शहर से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर ताबड़तोड़ चेकिंग की। इस दौरान पुलिस के हाथ पैर फूल गए। डेढ़ घंटे बाद आरोपी के हत्थे चढ़ने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।
बीमार था या बीमारी का बहाना .. : बीमारी का उपचार कराने आने के दौरान कैदी पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल हो गया। पुलिस कैदी की बीमारी के बारे में अधिक नहीं बता पाई है। कैदी की बीमारी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि वह वास्तव में बीमार था। या फिर छोटी मोटी बीमारी पर उसे पीजीआई कैसे भेज दिया गया? सबसे बड़ा सवाल कि वह अधिक बीमार था, तो पुलिस को चकमा देने में कैसे कामयाब हो गया।
घेराबंदी के बाद आया काबू : जगवीर
सिविल लाइन थाना प्रभारी जगवीर सिंह ने बताया कि पुलिस कंट्रोल पर वीटी होते ही शहर में चारों तरफ घेराबंदी कर दी थी। इसी घेराबंदी में आरोपी को माता दरवाजा के समीप ऑटो रिक्शा से उतरते काबू कर लिया।