कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर सख्ती, बनेंगी आंतरिक शिकायत कमेटियां
जागरण संवाददाता, रोहतक :
कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग अब और भी सख्त हो गया है। कामकाजी महिलाओं के साथ होने वाली यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने और उनका निवारण करने के लिए हर विभाग में आंतरिक शिकायत कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा विभाग के निदेशक ने हर जिले में भी स्थानीय शिकायत कमेटी का गठन करने के निर्देश जिला अधिकारियों को दिए हैं। जिला स्तरीय कमेटियां यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें प्राप्त करेंगी और उनका कानूनी तरीके से निवारण भी करवाएंगी, ताकि महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर काम करने के लिए सुरक्षित माहौल दिया जा सके।
पांच माह पहले बना था एक्ट
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न की घटनाओं की रोकथाम, निषेध एवं निवारण अधिनियम 2013 लागू किया था। इस बारे में मंत्रालय ने 9 दिसंबर 2013 को अधिसूचना भी जारी कर दी थी। मंत्रालय ने महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल देने के लिए यह अधिनियम लागू किया है, ताकि महिला अपने साथ हुई घटना का खुले मन से विरोध कर सके और आरोपी को सजा दिलवाने के आगे आ सके।
तेजी से हो कमेटियों का गठन : सांगवान
जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष जगमति सांगवान ने कहा कि हर जिले में व हर विभाग में इन कमेटियों का गठन जल्द से जल्द हो। इतना ही नहीं कमेटियों का गठन प्रभावशाली होना चाहिए। कमेटियों में महिला उत्पीड़न पर जागरूकता लाने वाले एनजीओ के सक्रिय प्रतिनिधि व उच्च स्तर की महिला अधिकारियों के नाम शामिल किए जाएं।
जिलास्तर पर कर दी गई कमेटी गठित :स्नेहलता
महिला एवं बाल विकास विभाग की समेकित बाल विकास कार्यक्रम की कार्यक्रम अधिकारी स्नेहलता ने बताया कि इस बारे में उनके विभाग के निदेशक की ओर से एक पत्र आया था। उपायुक्त की अध्यक्षता में जिलास्तर पर एक कमेटी का गठन किया गया है। इसके अलावा उन्होंने अपने विभाग में भी आंतरिक शिकायत कमेटी का गठन किया है। अब तक कमेटी के पास यौन उत्पीड़न से संबंधित कोई भी शिकायत नहीं आई है।