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लाइफ लाइन है ऑटोमोबाइल सेक्टर

शहर हो या गांव सार्वजनिक परिवहन सुविधा के अभाव में हमारे पास एकमात्र विकल्प है खुद का वाहन होना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 05:20 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 05:20 PM (IST)
लाइफ लाइन है ऑटोमोबाइल सेक्टर

शहर हो या गांव सार्वजनिक परिवहन सुविधा के अभाव में हमारे पास एकमात्र विकल्प है खुद का वाहन होना है। इस वजह से परिवारों की जरूरतें बढ़ी हैं लेकिन इनमें चौपहिया वाहन भी बड़ी जरूरत बन गया है। हमारे बदलते लाइफ स्टाइल की वजह रेवाड़ी भी तमाम ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए बड़ा उभरता हुआ बाजार है। एनसीआर में शामिल होने के बाद लोगों के जीवन स्तर में भी काफी बदलाव आया है, जिसके बाद कार हर परिवार की जरूरत बनती जा रही है, जिससे ऑटोमोबाइल कंपनियों का यहां पर पूरा फोकस भी है। बैं¨कग फाइनेंस सुविधा के आसान होने के बाद लोगों की ओर भी रूचि बढ़ी है। नोटबंदी तथा जीएसटी के लागू किए जाने के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर को होने वाले नुकसान-फायदा पर दैनिक जागरण संवाददाता मनीष कुमार ने हर्ष हुंडई के डीलर्स प्रदीप तनेजा से बातचीत की।

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प्रश्न: जीएसटी लागू होने के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर पर क्या प्रभाव पड़ा है

उत्तर: यह मात्र वहम है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर पर प्रभाव पड़ा है। जीएसटी तो ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए वरदान है, क्योंकि न केवल कारों की कीमतें घटी हैं अपितु पा‌र्ट्स से लेकर अन्य जरूरतों की चीजों पर टैक्स कम हुआ है। ऑटोमोबाइल सेक्टर ऐसा है जहां भविष्य के लिए संभावनाएं बहुत अधिक हैं। कीमतों में कमी आने से ग्राहकों ने कार खरीदने में और अधिक रुचि दिखाई है।

प्रश्न: यदि इस समय की बात करें तो सभी कम बिक्री की बात कह रहे हैं

उत्तर: जून से सितंबर माह तक का समय हमेशा ही ऑफ सीजन का रहता है। ऐसे में यह कहना गलत है कि जीएसटी से बिक्री घटी है। पिछले वर्षों के मुकाबले तो इस बार बिक्री बेहतर रही है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था इतनी मजबूत नही है कि वह लोगों की परिवहन संबंधी आवश्यकता को तय समय पर पूरा कर सकें, जिससे परिवार एवं कर्मचारी विकल्प के तौर पर कारों की खरीदारी करते हैं। मैं नहीं मानता हूं कि कारों की बिक्री में किसी तरह की कमी आई है तथा न ही भविष्य में कोई बिक्री पर असर पड़ेगा।

प्रश्न: कारों की खरीद में रेवाड़ी किस स्थान पर खड़ा है

उत्तर:यहां पर मैं कहूंगा कि बैंकों की तरफ से फाइनेंस सुविधा को आसान किए जाने से ऑटोमोबाइल सेक्टर को बड़ा फायदा मिला है। बड़े व्यापारियों को छोड़ दें तो सरकारी कर्मचारी एवं मध्यमवर्गीय परिवार एकमुश्त की राशि से कार नहीं खरीद सकता है। बैंकों की तरफ से फाइनेंस सुविधा प्रक्रिया को आसान किया गया है जिसके बाद से यहां पर बिक्री में काफी ग्रोथ हुई है। रेवाड़ी कारों की बिक्री के मामले में अच्छी पॉजीशन पर है तथा भविष्य में भी बिक्री का यह आंकड़ा बढ़ने वाला ही है। कम किसी भी हालत में नहीं होगा।

प्रश्न: मध्यमवर्गीय परिवारों में कारों की खरीद के प्रति क्रेज बढ़ने की वजह

उत्तर: जिस तरह घर में कूलर-एसी एक आवश्यकता बन गई है उसी तरह सुविधा के लिहाज से कार भी बड़ी जरूरत है। हालांकि मैं यहां कहूंगा कि मध्यमवर्गीय परिवार कारों को चलाते कम है लेकिन तेजी से बढ़ते खरीददारों में वे पहले स्थान पर खड़े हुए हैं। नि:संदेह रूप से लोगों के आर्थिक स्तर में जिस तेजी से सुधार हो रहा है उसका सबसे अधिक फायदा ऑटोमोबाइल सेक्टर को मिल रहा है। इसी वजह से मध्यमवर्गीय परिवारों में कार खरीद के प्रति काफी अधिक क्रेज है।

प्रश्न: लोगों की पसंद किस तरह की कारें तथा नए मॉडल भी आ रहे हैं

उत्तर: लोगों की पसंद में बहुत बदलाव आ गया है, ऐसा नहीं है कि ज्यादा खरीददार छोटी कारों के है। 5 से 10 लाख रुपये तक की कीमत यहां के परिवारों के लिए अफोर्डबल कीमत है तथा बावल-धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र की वजह से भी यहां पर महंगी कारों की मांग बढ़ी है।


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