वेतन भोगियों को नहीं मिल रहा है पैसा
जागरण संवाददाता,रेवाड़ी: पांच सौ एवं एक हजार रुपये के नोटबंद करने के एक माह बाद भी लोगों की मुश्कि
जागरण संवाददाता,रेवाड़ी: पांच सौ एवं एक हजार रुपये के नोटबंद करने के एक माह बाद भी लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। बैंकों के बाहर कतार लगी हुई है और वेतन भोगियों तथा पेंशनधारकों का भी पैसा खातों में आ चुका है। पहले ही कतार में लगे आम लोगों के साथ अब वेतन भोगी तथा रिटायर्ड कर्मचारी भी कतार में लगे हुए हैं लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है।
लग रहे हैं परेशानियों के चक्कर
जिले में औद्योगिक इकाईयों के साथ राज्य एवं केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके खाते में ही जमा होता है। इसके बाद कर्मचारी उस राशि को अपनी आवश्यकता के अनुसार निकाल सकता है लेकिन नोटबंदी के कारण पहले से ही पैसा निकालने की सीमा चेक से अधिकतम 24 हजार रुपये तथा एटीएम से महज 2 हजार रुपये है। इसके अलावा भी नोटबंदी के पश्चात स्थिति यह है कि जिले में मौजूद 172 एटीएम में से ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद एटीएम के अंदर पैसा ही नहीं डाला जा रहा है जिसकी वजह से इन कर्मचारियों के पास बैंकों की कतार में लगने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं है। यही स्थिति शहर के अंदर मौजूद एटीएम की बनी हुई है। शहर की तमाम शाखाओं की तरफ से शाखा परिसर में एटीएम लगाए हुए हैं लेकिन किसी भी एटीएम में कैश नहीं जिसकी वजह से लोग परेशान हो रहे हैं। नोटबंदी के बाद अब चाहे कोई भी बैंक हो सभी के बाहर लोगों की कतार लगी हुई है तथा प्रतिदिन सभी को भी कैश नहीं मिलने से लोग शहर के बैंकों में प्रतिदिन चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं।
आधे लोगों को ही कैश
नोटबंदी के बाद से बैंक प्रबंधन की तरफ से लोगों को राहत देने की बजाय उनसे दुत्कार एवं अभद्रता की जा रही है। स्थिति यह बनी हुई है कि कतार में लगे लोगों के शाम तक इंतजार करने के बाद भी यह गारंटी नहीं है कि उन्हें कैश मिल जाएगा। कतार में लगे लोगों में से ही आधे ही लोगों को कैश मिल पा रहा है जिससे आधे लोग वापस लौट रहे हैं। वहीं सरकार की तरफ से कैश की निर्धारित सीमा होने के बाद भी उन्हें महज पांच से सात हजार रुपये ही मिल रहे हैं।