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खुलासा: 9 महीने से धूल फांक रही चार्जशीट की फाइल

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: लालफीताशाही में किस तरह से सरकार के आदेशों तक की धज्जियां उड़ा दी जाती

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 05:17 PM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 05:17 PM (IST)

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:

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लालफीताशाही में किस तरह से सरकार के आदेशों तक की धज्जियां उड़ा दी जाती है इसका प्रमाण हाल ही

में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक पत्र से सामने आया है। विभागीय पत्र में उजागर हुआ है कि रेवाड़ी नगर

परिषद के करीब दो सालों से चल रहे भ्रष्टाचार के मामले में सरकार मार्च में ही चार अधिकारियों को चार्जशीट करने का निर्णय ले चुकी है लेकिन सरकार के इन आदेशों की पालना आजतक नहीं हुई है। जिन अधिकारियों पर गाज अब तक गिर जानी चाहिए थी वे आज भी पाक साफ चल रहे हैं। ऐसे में साफ है कि सरकार के निर्णयों को पलीता लगाने का काम खुद उनके ही अधिकारी कर रहे हैं।

निर्णय के सात महीने बाद तैयार हुआ विभागीय प्रारूप

नगर परिषद में भ्रष्टाचार मामले की जांच पहले सिटी मजिस्ट्रेट भारत भूषण गोगिया ने की तथा इसके बाद एक अन्य जांच तत्कालीन एसडीएम व वर्तमान में एडीसी कैप्टन मनोज भी कर चुके हैं। दोनों ही अधिकारियों की जांच में नप में करोड़ों का गोलमाल सामने आ चुका है। अधिकारियों की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा व्यावसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश खोला ने शहर थाना में नप प्रधान व अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआइआर भी दर्ज कराई हुई है। तमाम जांच होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो सतीश खोला ने इस बाबत फरवरी में सीएम ¨वडो पर शिकायत देकर नप प्रधान व

संबंधित अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग की थी। उनकी इस शिकायत पर अब स्थानीय शहरी निकाय विभाग के निदेशक की तरफ से जवाब आया है। निदेशक की तरफ से जो जवाब आया है उसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जवाब में बताया गया है कि शिकायत के आधार पर सरकार ने 16 मार्च 2016 को ही विजयपाल यादव कार्यकारी अधिकारी, सुरेश चौहान कार्यकारी अधिकारी, केके यादव सचिव व नरेंद्र यादव लेखाधिकारी के विरूद्ध नियम 7 के तहत चार्जशीट करने का निर्णय लिया था। सरकार के इस निर्णय के करीब सात महीने बाद 24 अक्टूबर को शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इन अधिकारियों की चार्जशीट के प्रारूप को सरकार के पास भेजा। इन अधिकारियों में से नरेंद्र यादव लेखाधिकारी चूंकि अन्य विभाग से नप में आए हैं इसलिए उनके चार्जशीट का प्रारूप उपायुक्त रेवाड़ी को भेजा गया था। अब हैरान करने वाली बात यह है कि सरकार के चार्जशीट करने के निर्णय को करीब 9 माह हो गए हैं

लेकिन आजतक भी इस बाबत कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं। वहीं चार्जशीट की फाइल का अधिकारियों के स्तर पर महीनों घूमते रहना भी

सवालों के घेरे में है।

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सीएम ¨वडो ने दिखाया शिकायत का निपटारा

सीएम ¨वडो पर सतीश खोला द्वारा 2 फरवरी को यह शिकायत दी गई थी। शिकायत में कार्रवाई की मांग की गई थी। 8 दिसंबर को उन्हें मामले में अब तक हुई तमाम कार्रवाई की जानकारी देकर शिकायत का निपटारा कर दिया गया है। सीएम ¨वडो के जवाब में बताया गया है कि विभाग इस मामले

में अपने स्तर पर कदम उठा रहा है।


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