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संस्कारशाला: अभिभावकों और विद्यार्थियों के विचार

- मेरा जीवन मेरा दायित्व फोटो 7, 8, 9, 10, 11, 12, दायित्व तो लेना होगा व्यक्ति का जीवन साम

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 06:11 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 06:11 PM (IST)
संस्कारशाला: अभिभावकों और विद्यार्थियों के विचार

- मेरा जीवन मेरा दायित्व

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फोटो 7, 8, 9, 10, 11, 12,

दायित्व तो लेना होगा

व्यक्ति का जीवन सामाजिक होता है। सामाजिक प्राणी होने के नाते हमें जीवन के प्रारंभ से ही अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित कर आगे बढ़ना चाहिए। आज के बच्चे करियर बनाने के लिए भागदौड़ तो करते हैं लेकिन समाज के प्रति दायित्व निभाने के लिए पहल नहीं करते। इससे बाद में जब जिम्मेदारियों का अहसास होता है तो बड़ी पर शानियों का सामना करना पड़ता है।

- अमित यादव, सेक्टर 4, रेवाड़ी।

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जीवन का उद्देश्य हो निर्धारित अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों को जीवन का उद्देश्य समझाना होगा। जब जीवन का उद्देश्य समझने लगेंगे तो दायित्व भी संभालने लगेंगे। कई बार हम अपनी जिम्मेदारियां बच्चों पर थोपने का प्रयास करते हैं जिसका बच्चों के मानस पटल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हमें इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।

- कृष्ण गोपाल, आजाद नगर।

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संस्कारित करना जरूरी

विज्ञान और तकनीकी युग में बच्चों को संस्कारवान बनाकर ही जिम्मेदारियों का अहसास कराया जा सकता है। हमें अभिभावक और शिक्षक के साथ मित्रों के रूप में बच्चों को अच्छे संस्कार देने होंगे। इसके लिए उन्हें दबाव डालने के बजाय सामाजिक संरचना के बारे में जानकारी देते रहने चाहिए। अभिभावकों, शिक्षकों के प्रति बच्चों में विश्वास की भावना विकसित करनी होगी। हमें भी बच्चों पर शक करने के बजाय उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करना होगा। अविश्वास की भावना उन्हें गलत दिशा की ओर ले जाएगी।

- अशोक सोनी, स्वामी वाड़ा।

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विद्यार्थियों के विचार

अपना काम पूरा करें यहीं जिम्मेदारी

मेरा जीवन मेरा दायित्व के बारे में ज्यादा विस्तार से तो नहीं जानता लेकिन हमें जो काम दिया जाता है उसका बखूबी पालन करते हैं। ज्यादा तनाव पालने से हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। इसलिए सहज ढंग से अपने निर्धारित समय सारणी के अनुसार लगातार काम करना चाहिए अपनी जिम्मेदारियां अपने आप पूरी होंगी।

भारत भूषण, कक्षा 12वीं, जैन पब्लिक स्कूल रेवाड़ी।

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ज्यादा तो नहीं पता

हम जो होमवर्क करते हैं वहीं मेरी नजर में मेरा दायित्व है। घर में माता पिता तथा स्कूल में शिक्षकों द्वारा दिए गए काम को समय पर पूरा करना ही असली जिम्मेदारी है। हमें समाज में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए संकोच नहीं करना चाहिए। किसी जरूरतमंद की मदद करने से मन को सुकून मिलता है।

- पलक, कक्षा छठी, जैन पब्लिक स्कूल रेवाड़ी।

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दायित्वों का अहसास जरूरी

कोई भी काम जब तक अपनी जिम्मेदारी समझकर नहीं करते तब तक वह सफल हो नहीं सकता। एक सामाजिक प्राणी होने के नाते हमारी जिम्मेदारियां समाज के प्रति ज्यादा बढ़ जाती है। इसका हर किसी को अहसास होना चाहिए। मेरा मानना है कि केवल किताबी ज्ञान प्राप्त करना ही शिक्षा नहीं है बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व निभाना भी हमारी जिम्मेदारी है।

- देवेश भारद्वाज, कक्षा 11वीं, हरि ¨सह पब्लिक स्कूल रेवाड़ी।


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