मथुरा तक उठेगी 'अहीरवाल' रेजीमेंट की आवाज
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी : हरियाणा के अहीरवाल से लेकर अलवर व मथुरा तक अब 'अहीर' की जगह 'अहीरवाल'
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी : हरियाणा के अहीरवाल से लेकर अलवर व मथुरा तक अब 'अहीर' की जगह 'अहीरवाल' रेजीमेंट की आवाज बुलंद होगी। वर्षों से अहीर रेजीमेंट की मांग उठाते आ रहे संगठनों ने अब दिल्ली के संकेत व सुझाव पर अहीरवाल रेजीमेंट की मुहिम चलाने का निर्णय लिया है।
16 अगस्त को रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर के रेवाड़ी आगमन के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि अहीर रेजीमेंट बनाना सरकार के लिए संभव नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार पर्रीकर के आगमन पर योजना राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ¨सह के आवास पर लगभग पांच-छह भाजपा नेताओं की मौजूदगी में भी इस मुद्दे पर गंभीरता से मंत्रणा हुई थी। पर्रीकर इस पक्ष में नहीं थे जातिगत आधार पर रेजीमेंट की मांग उठे, ¨कतु अहीरवाल शब्द को लेकर उनका रुख नरम था।
पर्रीकर के दौरे के बाद दक्षिण हरियाणा विकास लोकमंच व यादव कल्याण सभा जैसे संगठन इस पर सहमत हैं कि 'अहीरवाल' शब्द व्यवहारिक है।
----
इनसेट:
अलवर में जनसंपर्क जारी
अखिल भारतीय यदुवंशी महासभा, राजस्थान की ओर से अलवर में अहीर रेजीमेंट के लिए जनसंपर्क किया जा रहा है। लोगों से 23 सितंबर को जंतर-मंतर पर पहुंचने की अपील की जा रही है।
------
मैंने संविधान के अनुच्छेद 32 के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। मेरा तर्क था कि सेना में धर्म, जाति व क्षेत्र के आधार पर भर्ती असंवैधानिक व संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 के खिलाफ है। सेना ने मेरी बात को झुठलाया नहीं था, लेकिन दो सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले को अनुच्छेद 32 के तहत मिले अपने संविधान प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करने योग्य नहीं माना। इसी आधार पर याचिका खारिज हुई थी। हमें अहीर रेजीमेंट दी जाए या अहीरवाल रेजीमेंट दी जाए। यदि ऐसा संभव नहीं तो जाति, धर्म व क्षेत्र आधारित सभी रेजीमेंट खत्म की जाए। अहीरवाल रेजीमेंट एक स्वीकार्य रास्ता होगा।
--डा. ईश्वर यादव, सामाजिक कार्यकर्ता।