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भगत सिंह के परिजनों की भी हुई थी जासूसी

महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: कांग्रेस की परेशानी बढ़ाने वाला जासूसी का एक ओर जिन बाहर आ गया है। नेताजी

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 12:59 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 12:59 AM (IST)
भगत सिंह के परिजनों की भी हुई थी जासूसी

महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: कांग्रेस की परेशानी बढ़ाने वाला जासूसी का एक ओर जिन बाहर आ गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों की जासूसी की चर्चाओं के बीच ही अब शहीद भगत सिंह के पौत्र यादवेंद्र सिंह संधू ने कहा है कि उनके परिवार की भी जासूसी हुई थी। संधू के अनुसार उनके दादा इस बात की अक्सर चर्चा किया करते थे कि कोई उनकी पीछा करता है।

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संधू ने बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण से दूरभाष पर विस्तार से बात की। इन दिनों संधू देशभर में शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के बैनर तले शहीदों के सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। संधू इस संगठन के अध्यक्ष हैं। दक्षिण हरियाणा में रेवाड़ी के विनोद यादव ब्रिगेड का काम देख रहे हैं। प्रो. अनिरुद्ध यादव जैसे कई स्थानीय समाजसेवी उनकी मुहिम में सहयोगी बने हुए हैं।

संधू ने कहा कि वे किसी राजनीतिक नजरिये से कोई बात नहीं कहेंगे। मैं केवल इतना कहना चाहूंगा कि मेरे दादा व शहीद भगत सिंह जी के छोटे भाई कुलबीर सिंह अक्सर ये बताते थे कि कोई उन पर निगाह रख रहा है। यादवेन्द्र सिंह ने कहा कि एक आरटीआइ के माध्यम से ये पता चला है कि सरकार के रिकार्ड में शहीद भगत सिंह जैसे वीरों को भी शहादत का दर्जा नहीं मिला हुआ है। मैं अब छह लाख शहीदों को सम्मान दिलाने की लड़ाई लड़ रहा हूं। देश आजाद हो चुका है। देश को आजाद कराने वाले व अपना जीवन कुर्बान करने वाले कब तक आतंकवादी कहलाते रहेंगे? उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह बिग्रेड ने 109 क्रांतिकारियों की सूची तैयार की है। इनमें से 70 को गोली से उड़ा दिया गया था, जबकि 37 को फांसी दी गई थी तथा दो जांबाज अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर 1912 को महान क्रांतिकारी रास बिहारी के नेतृत्व में योजना बनाकर लार्ड हार्डिग्स पर बम फेंका गया था, जिसमें वायसराय बुरी तरह घायल हो गए थे और उनका अंगरक्षक मारा गया था। इस बम कांड में शामिल चारों क्रांतिकारी मास्टर अमीर चंद, अवध बिहारी, भाई बाल मुकुंद व बसंत कुमार विश्वास को 11 मई 1915 को अंबाला सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी। हम शहीद शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। शहीदों को नमन करने के लिए हम इसी वजह से अगले माह 11 मई को अंबाला में अपना पहला आयोजन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने मकसद को लेकर कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं। पीएम ने हमारी बात ध्यान से सुनी और हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। संधू ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सुभाष चंद्र बोस की तरह शहीद भगत सिंह से संबंधित दस्तावेज भी सार्वजनिक किए जाएं। इससे जासूसी का खुलासा भी अपने आप हो जाएगा।


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