दो माह में ही सीएनजी इजन फेल, डीजल से चल रही रेल
फोटो संख्या 12 -रेवाड़ी-रोहतक के बीच चलाई गई थी पहली सीएनजी रेल -13 जनवरी को रेल मंत्री सुरेश प्र
फोटो संख्या 12
-रेवाड़ी-रोहतक के बीच चलाई गई थी पहली सीएनजी रेल
-13 जनवरी को रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने की थी शुरुआत
-ट्रेन को मरम्मत के लिए रविवार को दिल्ली भेजा गया
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : देश की पहली सीएनजी ट्रेन दो माह में ही जवाब दे गई। इजन में खराबी आने से पांच दिनों से सामान्य डीजल इजन से ही टै्रक पर दौड़ रही है। इंजन को मरम्मत के लिए रविवार को दिल्ली शकूरबस्ती भेजा गया है। यदि मरम्मत रविवार को पूरा हो जाती है तो सोमवार से फिर से ट्रेन के सीएनजी से ट्रैक पर दौड़ने की संभावना है। सीएनजी इजन में खराबी आने से इसे डीजल इजन से जोड़ दिया गया था।
इसी साल 13 जनवरी को रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेवाड़ी-रोहतक के बीच सीएनजी-डीएमयू ट्रेन की शुरुआत की थी। इस ट्रेन में दोनों ओर इंजन है। ट्रेन स्पीड पकड़ती है तो डीजल इजन चलता है, बाद में सीएनजी इजन से ट्रेन का संचालन होता है। पाच दिन पूर्व तकनीकी खराबी आने से सीएनजी इजन डीजल इजन जोड़ दिया गया था। तब से ट्रेन का संचालन नियमित रूप से हो रहा था। सीएनजी ट्रेन की मरम्मत शकूरबस्ती में होगी।
पर्यावरण के लिए फायदेमंद
सीएनजी की यह ट्रेन केवल ईधन बचत ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है। यह डेमू रेक दो ड्राइविंग पावर कार से युक्त है। इंजन में सीएनजी के उपयोग के कारण हानिकारक गैसों जैसे कार्बन मोनोक्साइड का 90 से 97 प्रतिशत, कार्बन डाइ आक्साइड का 25 प्रतिशत, नाइट्रोजन आक्साइड का 35 प्रतिशत से 60 प्रतिशत व नान मिथेन हाइड्रो कार्बन का 50 से 75 प्रतिशत कम उत्सर्जन होगा। यात्रियों के चलने फिरने के लिए प्रत्येक कोच आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए है। यात्रा के दौरान लगने वाले झटकों को कम करने के लिए एयर स्प्रिंग का उपयोग भी किया गया है।
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सीएनजी इजन में तकनीकी खराबी आई है तथा इसे शीघ्र दूर किया जाएगा। यह ट्रेन अभी शुरुआती चरण है। भविष्य में ऐसी खराबी न आए इसके लिए भी प्रयास रहेगे। मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद फिर से यह ट्रेन सीएनजी पर दौड़ेगी।
-एएस नेगी, सहायक जनसूचना अधिकरी, उत्तर रेलवे।