सड़क हादसों ने छीनी 60 दिन में 43 जिंदगी
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: यातायात नियमों की अनदेखी जीवन पर भारी पड़ रही है। कौन नहीं जानता की जीवन अनम
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: यातायात नियमों की अनदेखी जीवन पर भारी पड़ रही है। कौन नहीं जानता की जीवन अनमोल है, परतु सड़क हादसों पर निगाह डालें तो यह लगता है कि जिंदगी की कीमत कब समझ में आयेगी। पुलिस द्वारा बेशक सड़क सुरक्षा को लेकर आए दिन चिंतन व जागरूक करने के दावे किए जा रहे है, परतु सड़क हादसों में कमी न होना प्रशासन की असफलता को भी उजागर कर रहा है। इतना होने के बाद भी दो माह में सड़क हादसों ने 40 जिंदगियों को छीन लिया है। घायल होने वालों का आकड़ा सैकड़ों में है।
पिछले दो माह के दौरान जिले में हुई सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 43 लोगों का जीवन समाप्त हो चुका है, जबकि लगभग 110 व्यक्ति घायल हो चुके है। सड़क हादसे रोकने के लिए यातायात व्यवस्था को अधिक चुस्त दुरुस्त किए जाने के दावे किए जा रहे है। परतु नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए पुलिस की कार्ययोजना धरातल पर कम नजर आ रही है। पुलिस प्रशासन द्वारा सेमिनार व प्रतियोगिताओं तथा स्कूलों में आरएसओ के माध्यम से यातायात नियमों का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है।
प्रतिवर्ष होने वाले कुल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 70 फीसद से अधिक कारण वाहन चालक की गलती होती है तथा मरने वालों में दुपहिया वाहन सवार अधिक होते है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान वाहन चालक की गलती को सुधारने की है। इनमें भारी वाहनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यातायात नियमों के पालन के लिए पुलिस का डर नहीं, बल्कि स्वयं जिम्मेदारी लेनी होगी। सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण चालक की लापरवाही, वाहन की खराबी व सड़कों की खराब स्थिति है।
पुलिस प्रशासन की ओर से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग क्षेत्र में एक इस्पेक्टर सहित 33 पुलिस कर्मी तथा शहर के लिए 14 पुलिसकर्मी तैनात किये गए है। इसके अतिरिक्त यातायात व्यवस्था के लिए होमगार्ड के जवानों की नियुक्ति भी की गई है।
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स्वयं की जागरूकता है जरूरी
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत है, परतु यातायात नियमों के प्रति स्वयं की जागरूकता सबसे जरूरी है। पुलिस द्वारा नियमों की अवहेलना करने वालों के चालान भी किए जा रहे है तथा लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि एक छोटी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ती है। अधिकतर सड़क हादसों का कारण चालकों की लापरवाही रहता है। सभी को जिंदगी की कीमत समझनी होगी।
-हरि सिंह, थाना प्रभारी, यातायात।
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कुछ वर्षो में हुए सड़क हादसे
वर्ष हादसे मौत घायल
2010 663 220 413
2011 607 200 407
2012 567 236 627
2013 480 200 315
2014 431 210 377
2015 78 43 110