Move to Jagran APP

कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं ट्रांसफार्मर

संवाद सहयोगी, बावल: दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से कंपनी के माध्यम से कृषि तथा घरेलू सप्ला

By Edited By: Published: Wed, 28 Jan 2015 01:07 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jan 2015 01:07 AM (IST)
कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं ट्रांसफार्मर

संवाद सहयोगी, बावल: दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से कंपनी के माध्यम से कृषि तथा घरेलू सप्लाई के फीडरों को अलग-अलग करने के दौरान लगवाए गए ट्रांसफार्मर उसी के लिए परेशानी बन गए हैं। निगम ने जिस कंपनी से ट्रांसफार्मर लगाने का जिम्मा दिया था उसकी तरफ से खराब अथवा जलने पर इन ट्रांसफार्मरों को बदलने की शर्त थी। अब कंपनी-प्रबंधन के बीच अनुबंध टूटने से कंपनी इन ट्रांसफार्मरों को नहीं बदल रही है। इस स्थिति के चलते स्थानीय सब स्टेशन में खराब व जले हुए ट्रांसफार्मरों की संख्या बढ़ रही है।

loksabha election banner

बिना वाहन कैसे भेजे वर्कशाप

विवाद के चलते निगम ने उपभोक्ताओं की परेशानी को ध्यान में रखते हुए इन ट्रांसफार्मरों को बदल तो दिया लेकिन इन खराब ट्रांसफार्मरों की संख्या काफी बढ़ गई है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ता या कई बार निगम के कर्मचारी ही इन ट्रांसफार्मरों को निगम कार्यालय में लेकर आते हैं। यहां से इन ट्रांसफार्मरों को निगम की नारनौल एवं फरीदाबाद स्थित वर्कशाप में भेजा जाता है लेकिन बावल स्थित बिजली निगम कार्यालय के पास अपना कोई वाहन नहीं होने से कार्यालय में इन ट्रांसफार्मरों के ढेर लगे हुए हैं। इन ट्रांसफार्मरों में तांबे सहित कुछ अन्य महंगे उपकरण होते हैं जिसके चलते इनकी चोरी भी बढ़ रही है। दूसरी तरफ निगम कार्यालय में खुले में ही बड़ी संख्या में कंडम ट्रांसफार्मर पड़े हुए हैं जिनको कभी भी निशाना बनाया जा सकता है। पिछले वर्ष कुछ सब स्टेशनों से ये खराब ट्रांसफार्मर भी चोरी हो गए थे। इसकी बड़ी वजह निगम कार्यालय की चारदीवारी नहीं होने से रात के समय चोर इन्हें आसानी से ले जा सकते हैं। खुले में पड़े इन ट्रांसफार्मरों को वर्कशाप में भिजवाने के लिए नियमानुसार तो स्थानीय सब स्टेशन के पास वाहन होना चाहिए लेकिन वाहन के अभाव में उन्हें रेवाड़ी कार्यालय पर निर्भर रहना पड़ता है। रेवाड़ी कार्यालय की तरफ से कई महीनों में एकाध बार ही वाहन भेजे जाते हैं जिसमें भी चंद ही ट्रांसफार्मर वर्कशाप तक पहुंच पाते हैं। अधिक समय तो खुले में पड़े रहने की वजह से ये ट्रांसफार्मर भी खराब हो रहे हैं। ऐसे में निगम को भी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।

ग्रामीण उपभोक्ताओं की बढ़ी परेशानी

सब स्टेशन परिसर में खुले पड़े इन ट्रांसफार्मरों की समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण सर्वाधिक खामियाजा ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। एक बार किसी गांव का ट्रांसफार्मर खराब हो जाए तो उन्हें नया ट्रांसफार्मर मिलने में काफी समय लग जाता है।

---------

'फीडरों को बदलने के दौरान कंपनी ने ये ट्रांसफार्मर लगाए थे। अब कंपनी ने बीच में ही यह काम छोड़ दिया है। सब स्टेशन में खराब पड़े ट्रांसफार्मरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हमारे पास इन्हें वर्कशाप तक भेजने के लिए कोई वाहन नहीं है जिसकी वजह से नए ट्रांसफार्मर भी मिलने में देरी होती है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। जल्द ही सभी ट्रांसफार्मरों को वर्कशाप तक भेजा जाएगा।'

-वेदप्रकाश, कनिष्ठ अभियंता, डीएचबीवीएन, बावल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.