टूटी सड़कों से बढ़ रही है दुर्घटना
प्रशासन मौन बन देख रहा तमाशा संवाद सहयोगी, मंडी अटेली : अटेली-बहरोड़ मार्ग पर बने गहरे-गहरे गड्ढ
प्रशासन मौन बन देख रहा तमाशा
संवाद सहयोगी, मंडी अटेली :
अटेली-बहरोड़ मार्ग पर बने गहरे-गहरे गड्ढों से आए दिन दुर्घटना हो रही है, लेकिन प्रशासन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अटेली से राजस्थान सीमा तक 12 किलोमीटर के इस मार्ग से अपने गंतव्य तक पहुचने में घटा भर लग जाता है। इस सड़क का निर्माण 2011 में एक ठेकेदार के माध्यम से करवाया गया था। इसकी देखरेख व पाच वर्ष तक मरम्मत का जिम्मा इसी ठेकेदार को सौंपा गया था। आरोप है कि ठेकेदार द्वारा घटिया व कम गुणवत्ता सामग्री का प्रयोग किया गया था जिसके कारण यह सड़क समय से पहले से ही गड्ढों में तब्दील हो गई थी।
अटेली से राजस्थान सीमा से सटा गाव खेड़ी का यह मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के अंतर्गत मास 2008 के तत्कालीन लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने सुधारीकरण का शिलान्यास किया था जो लगभग डेढ़ वर्ष में जाकर पूरा हुआ था, लेकिन इसे सरकार के नुमाइंदों की अनदेखी कहे या भ्रष्टाचार में लिप्त प्रशासन की नजरअंदाजी यह सड़क अपने निर्माण के एक वर्ष बाद गहरे गड्ढों में बदल गई। इस सड़क का यह आलम बन चुका है कि इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को सड़क में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़क ढूढनी पड़ती है। वाहन चालकों ने निर्धारित दर से अधिक किराया वसूलना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि विवाह शादी तथा अन्य समारोह में वाहन भी दोगुनी कीमत वसूलते है। समाजसेवी बाबूलाल प्रवक्ता, प्रदीप गोयल, बास निवासी अजीत, बिहाली निवासी सीताराम सरपंच, भाजपा नेता कर्मवीर बिहाली, काटी निवासी अशोक कुमार, खेड़ी निवासी रमेश कुमार, नावदी निवासी धर्मेंद्र यादव आदि लोगों ने बताया कि यह मार्ग राजस्थान की सीमा से सटा हुआ है। प्रत्येक दिन हजारों वाहन इस सड़क मार्ग से गुजरते है। खस्ता व जर्जर हालत के चलते हमेशा दुर्घटना की आशका बनी रहती थी। विशेषकर दुपहिया वाहन चालक अक्सर गड्ढों के कारण गिर कर दुर्घटना के शिकार हो जाते थे। लोगों ने बताया कि इस मार्ग की खस्ता हालत पिछले कई वषरें से बनी हुई थी। ग्रामीणों की बार-बार माग के कारण करोड़ों रुपये की लागत से इस सड़क मार्ग का सुधारीकरण किया गया था, लेकिन यह मार्ग भ्रष्टाचार की भेंट का सबसे उत्कृष्ट नमूना बनकर निकला। गाव सैदपुर, बिहाली, नावदी, रामपुरा, काटी तथा खेड़ी के ग्रामीणों ने बताया कि इस सम्बंध में कई बार जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से लिखित व मौखिक आग्रह कर चुके है। लेकिन आज तक इस रोड़ की सुध कोई लेने वाला नही है। इस संबंध में विभाग के जेई रामनिवास ने बताया कि नई सरकार का गठन हुआ है। बजट न मिलने से काम शुरू नहीं हो पाया है। बजट मिलते ही काम शुरू किया जाएगा।