जीवन में सबसे बड़ा शत्रु क्रोध व अहंकार: सूर्य भाई
फोटो-16एनएआर 14 जागरण संवाददाता, नारनौल- । हम आज के इंसान कभी देवी व देवता थे तथा आज भी हम इंसा
फोटो-16एनएआर 14
जागरण संवाददाता, नारनौल-
। हम आज के इंसान कभी देवी व देवता थे तथा आज भी हम इंसानों में देवत्व शक्ति विद्यमान है लेकिन इस देवत्व शक्ति को हमें समझने की आवश्यकता है। उक्त प्रवचन रविवार को चितवन वाटिका में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वाह जिन्दगी वाह के कार्यक्रम में दौरान सूर्य भाई ने देते हुए बताया कि हमें परमपिता ब्रह्मा द्वारा दिए गए सत्य के ज्ञान को लेना है तथा इसे समझना होगा। उन्होंने अपने प्रवचनों के माध्यम से बताया कि हम उस सर्वशक्तिमान ईश्वर के बच्चे हैं तथा किसी भी तरह कमजोर नहीं हैं। हमें अपने अंदर छिपी हुई शक्ति को पहचान कर उसे जगाना है। हमें सुबह उठते ही याद करना चाहिए कि हम उस देव तथा भगवान की दी हुई एक शक्ति है। जीवन की वास्तविकता से रूबरू करवाते हुए सूरज भाई ने बताया कि जीवन में व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु उसका क्रोध, उसका अहंकार तथा उसका अभिमान है जो उसे स्वयं को समझने में बाधा पैदा करता है। इसके विपरीत परमपिता को जब हम स्वयं को जोड़ते हैं तो हमें शक्ति तथा ऊर्जा मिलती है तथा हम व्यसनों से दूर चले जाते हैं। जीवन का सार बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे मन में हमारी शक्ति है तथा वह हर एक के पास है उस शक्ति को सही दिशा देने से ही हम महान बनते हैं। इसके दूसरी ओर आज हम गलत रास्तों पर चलने लगे हैं जिससे कि हमें दुख ही मिलता है तथा यही हमारे लिए नरक है। इस अवसर पर गीता बहन तथा शुक्ला दीदी ने भी अपने प्रवचनों से श्रोताओं का मन शांत किया।
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