निगम ने बढ़ाए टयूबवैल बिजली बिल के रेट
आदोलन की रणनीति तैयार करने में जुटे किसान संवाद सहयोगी, सतनाली: बिजली निगम ने पिछली सरकार के फ
आदोलन की रणनीति तैयार करने में जुटे किसान
संवाद सहयोगी, सतनाली:
बिजली निगम ने पिछली सरकार के फैसले को पलटते हुए किसानों को बिना बताए गुपचुप तरीके से प्रति हार्स पावर दो रुपये बिजली का बिल बढ़ा दिया है। जिससे किसान संगठन आगू बबूला हो गए है। किसान संगठनों ने टयूबवैल का बिजली बिल बढाने पर आदोलन का ऐलान किया है। आदोलन की रणनीति तय करने के लिए 24 नवंबर को साथ लगते बाढ़डा में बैठक बुलाई गई है।
बढ़े रेट के हिसाब से जो किसान 15 हार्स पावर की मोटर चलाता है, उसे पहले 15 रुपये प्रति हार्स पावर के हिसाब से 225 रुपये प्रति माह बिजली बिल अदा करना पड़ता था, लेकिन निगम ने अब रेट बढाकर 15 की जगह 17 रुपये प्रति हार्स पावर कर दिया, जिससे किसानों को अब 225 की जगह 255 रुपये अदा करने पड़ेंगे। बिजली बिल का रेट बढने से सबसे ज्यादा नुकसान सतनाली, बाढड़ा, महेन्द्रगढ, लोहारू, नारनौल आदि क्षेत्र में किसानों को होगा। इस क्षेत्र में किसान खेत की सिंचाई बिजली से चलने वाले टयूबवैल से करते है।
क्या होती है स्लैब प्रणाली
दक्षिण हरियाणा के ज्यादातर किसान नहरी पानी न मिलने के कारण जमीन में टयूबवैल लगाकर बिजली से चलने वाली मोटर में फव्वारा सेट जोड़कर खेतों की सिंचाई करते है। यहा के किसानों ने लंबे समय तक आदोलन किया। किसानों ने सरकार के सामने अपनी माग उठाते हुए कहा कि दक्षिण हरियाणा के सतनाली, कादमा, बाढड़ा, लोहारू, झोझू, महेन्द्रगढ, नारनौल, अटेली आदि क्षेत्र में जमीनी पानी अधिक गहराई पर है। इस पानी को निकालने के लिए किसानों को टयूबवैल लगाने में दस लाख रुपये खर्च करने के अलावा अधिक बिजली खर्च करनी पड़ती है। जिसका बिजली बिल वहन करने में वह असमर्थ है।
बाक्स: आंदोलन में एक दर्जन किसानों की हो चुकी है मौत
दक्षिण हरियाणा को रियायत दिलवाने की माग को लेकर हुए आदोलन में क्षेत्र के कादमा काड में 23 अगस्त 1995 व मंढियाली काड में 10 अक्टूबर 1998 में एक दर्जन किसान पुलिस की गोली लगने से मारे गए थे। जिनको बाद में शहीद का दर्जा भी दिया गया और स्लैब प्रणाली भी लागू की गई।
किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष मीरसिंह जेवली ने कहा कि किसानों के टयूबवैल के रेट बढ़ाना गलत है। रेट बढाने का संघर्ष समिति विरोध करती है तथा इसको लेकर समिति की जल्द ही बैठक बुलाकर आदोलन होगा। जब तक रेट वापस नहीं होंगे आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया जाएगा।