हरियाणा में खिला कमल
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और एक 11 बनाने का फार्मूला कारगर रहा। मोदी
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और एक 11 बनाने का फार्मूला कारगर रहा। मोदी के इसी फार्मूले की बदौलत भाजपा अहीरवाल की तमाम 11 सीटें जीतने में सफल रही। इससे पूर्व ऐसा कभी नहीं हुआ, जब किसी पार्टी ने अहीरवाल की सभी सीटों पर कब्जा किया हो। अहीरवाल की इसी शक्ति की बदौलत भाजपा दक्षिण हरियाणा में शामिल रेवाड़ी, फरीदाबाद, मेवात, पलवल, गुड़गांव तथा महेंद्रगढ़ की 23 में से 14 सीटें जीतने में सफल रही है।
यदि अहीरवाल की 11 सीटें निकाल दें तो फरीदाबाद, मेवात व पलवल जिले में भाजपा को केवल तीन सीटें मिली हैं। ये आंकड़ा इस बात का दर्शाता है कि जहां एक को एक का साथ मिला, वहां 11 बनाने में नरेंद्र भाई मोदी कामयाब रहे। मेवात से तो भाजपा को वैसे ही कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन यदि फरीदाबाद व पलवल में भी इंद्रजीत सिंह जैसा कोई करिश्माई नेता होता या इसी तरह के जातीय समीकरण होते तो इन दोनों जिलों में मोदी लहर कमजोर नहीं पड़ती। अहीरवाल में हुई पार्टी की जीत पूरी तरह पीएम नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व तथा राव इंद्रजीत का 'अहीरवाल के मोदी' की भूमिका में आना रहा। हालांकि ये बात भी सच है कि बादशाहपुर तथा महेंद्रगढ़ में भाजपा बिना राव के दम लगाये जीती है, लेकिन मोदी व राव की जोड़ी से बनी हवा का असर अहीरवाल की हर सीट पर तूफान बन गया। क्लीन स्विप के पीछे यही बड़ा कारण है।
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सीएम का ख्वाब व मोदी की रैलियां
दक्षिण हरियाणा से मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद व मोदी की रैलियों ने भी भाजपा के पक्ष में लहर पैदा की। अहीरवाल की अधिकांश सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के सीएम बनने की संभावना को ध्यान में रखकर वोट डाले गये। महेंद्रगढ़ की जनता ने जातिवाद की दीवार ढहाकर रामबिलास शर्मा की झोली महज इसलिए वोटों से भरी ताकि क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल सके। महेंद्रगढ़ व बादशाहपुर में भाजपा कुछ कमजोर दिख रही थी, लेकिन गुड़गांव व महेंद्रगढ़ में हुई मोदी की रैलियों ने तो कांग्रेस व इनेलो सहित तमाम दलों का अहीरवाल से सूपड़ा साफ कर दिया।
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अहीरवाल में शून्य से 11 तक
भाजपा को वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनावों में रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व गुड़गांव जिले की 11 में से एक भी सीट नहीं मिली थी। इस बार पार्टी 0 से 11 पर पहुंची है। खुद भाजपाइयों को भी शायद ये यकीन नहीं था कि इस तरह से कांग्रेस व इनेलो का सूपड़ा साफ हो जायेगा।
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दक्षिण हरियाणा में 1 से 14 तक
भाजपा ने दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुड़गांव, मेवात, पलवल व फरीदाबाद जिले की 23 विधानसभा सीटों में से पिछले विधानसभा चुनावों में मात्र एक विस सीट जीती थी। ये सीट तिगांव से कृष्णपाल गुर्जर की थी, लेकिन इस बार ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है। मोदी लहर में ये कृष्णपाल के लिए बड़ा झटका है। हालांकि केंद्रीय मंत्री गुर्जर के लिए एक बड़ी राहत ये है कि फरीदाबाद में भाजपा छह में से तीन विस सीट जीतने में सफल रही है। इन सीटों को मिलाकर ही दक्षिण हरियाणा में पार्टी 23 में से 14 का बहुमत हासिल कर पा रही है। इसे दूसरे शब्दों में कहें तो अहीरवाल की ताकत से ही भाजपा दक्षिण में दम दिखाने जैसी दिख रही है।