बड़ा तालाब स्थित देवी मां का मंदिर
फोटो संख्या 45, 46, 47 जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : शहर के बीच में बड़ा तालाब पर स्थित प्राचीन देवी
फोटो संख्या 45, 46, 47
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी :
शहर के बीच में बड़ा तालाब पर स्थित प्राचीन देवी मां का मंदिर पिछले चार सौ साल से आस्था का केंद्र बना हुआ है। आज भी इस मंदिर में नवरात्रों पर होने वाले आयोजन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
इतिहास :
कहा जाता है कि लगभग चार सौ साल से अधिक समय पहले राजा तेज सिंह ने यहां तालाब बनवाया था। उस दौरान राम गोपाल, तुलाराम आदि ने यहां मंदिर की स्थापना की थी। यह राज घराने की कुल देवी का मंदिर माना जाता है। तालाब से घिरे हुए यह मंदिर के आसपास शिव घाट, गौ घाट, विष्णु घाट, जनाना घाट आदि बने हुए थे। इनका प्रमाण आज मंदिर और तालाब के आसपास मौजूद है।
मंदिर की विशेषता
इस मंदिर की दीवार, छत और दरवाजे पुराने जमाने के हैं। इसकी पत्थर और दरवाजे वर्षो पुराने हैं। इस मंदिर की बनावट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कहा जाता है कि शहर के व्यापारी मिलकर रामलीला करते थे।
नवरात्रों पर सजते हैं मंदिर
यह मंदिर नवरात्रों पर विशेष रूप से सजाया जाता है। चारों ओर आकर्षक लाइटिंग और सुबह शाम भजन, कीर्तन और आरती यहां की जाती है। नवरात्र के अष्टमी पर होने वाला जागरण, प्रत्येक माह के शुक्लपक्ष की अष्टमी पर जागरण, शाम को साढ़े छह बजे के बाद आरती होती है।
कैसे पहुंचे मंदिर तक
बस अड्डा से करीब आधा किलोमीटर तथा रेलवे स्टेशन से सरकुलर रोड होते हुए बड़ा तालाब तक पहुंचने के लिए सिटी सेवा बस और आटो हमेशा मिलते हैं।
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यह मंदिर राज घराने की कुलदेवी के रूप में स्थापित है। इस मंदिर की साज सज्जा और बनावट इसकी स्थापना के समय की है। समय समय पर केवल सफेदी ही की जाती है। दीवारों पर जो पत्थर लगे हैं वे पुरानी ही हैं।
-वासुदेव शर्मा, प्रबंधक।
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इस मंदिर में आने वाले प्रत्येक
सच्चे मन से मांगी गई मुराद पूरी होती है। मैं पिछले करीब सात साल से यहां मां की आराधना कर रहा हूं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के अनुसार मां ने कभी निराश नहीं किया।
-पं. संतोष कुमार भारद्वाज, पुजारी।