रोजगारपरक तकनीकों की कमी से जूझ रहा युवा वर्ग
यूथ फैक्टर
फोटो संख्या 31, 32
-बुनियादी सुविधाओं की कमी दूर करने के लिए कार्ययोजना नहीं
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी :
यूं तो सरकार नए-नए शिक्षण संस्थान खोलने का दावा कर रही है, लेकिन इन संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी दूर करने के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है। रोजगारपरक तकनीकों की कमी के चलते शैक्षणिक योग्यता के बावजूद बेरोजगारी की मार से आज का युवा जूझ रहा है।
कुछ इसी प्रकार की भावनाओं को साझा करते हुए युवा वर्ग इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाए जाने पर जोर दे रहे हैं।
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मेरी नजर में मुख्य मुद्दा रोजगार परक तकनीकों की कमी है। एनसीआर में होने के बावजूद जिले के अधिकांश युवा तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हैं। इसके चलते अधिकांश युवा वर्ग ग्रामीण और मध्यम वर्गीय परिवार का होने के कारण भारी भरकम राशि खर्च कर बाहर जाने में समर्थ नहीं है। इसलिए औद्योगिक क्षेत्र होने के साथ रोजगार के अवसर तभी बढ़ेंगे जब तकनीकी शिक्षा प्रणाली व्यावहारिक रूप से संचालित होंगे।
-बलराम, लोधाना।
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मेरी नजर में प्रमुख मुद्दा युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया नहीं होना है। जिले के अधिकांश उद्योगों में बाहर के अधिकारी से लेकर कर्मचारियों की संख्या अधिक है, जबकि थोड़े बहुत जो स्थानीय हैं वे उच्च पदों पर नहीं हैं। इसके पीछे मुख्य कारण तकनीकी रूप से दक्ष नहीं होना है। यदि यहां तकनीकी संस्थान खुलते हैं तो न केवल युवा वर्ग तकनीकी रूप से मजबूत होंगे, बल्कि रोजगार के भी बेहतर अवसर पैदा होंगे। इससे बेरोजगारी दूर होने के साथ क्षेत्र का विकास भी होगा। इसके लिए ठोस कार्य योजना बनाए जाने की जरूरत है।
-हितेश, खालेटा।