भ्रष्टाचार की बीमारी को खत्म किया जाए
यूथ फैक्टर
फोटो संख्या 28, 29
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी :
छोटे-छोटे कामों के लिए भी भ्रष्टाचार का बोलबाला होने से आज यह बड़ी बीमारी बन चुकी है। इससे लोगों को विशेषकर युवाओं को आर्थिक के साथ मानसिक परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है। युवाओं का कहना है कि कोई भी विभाग भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है। शिक्षण संस्थानों में भारी भरकम डोनेशन की मार तो रोजगार के लिए भी बिना रिश्वत और सिफारिश के सहज नहीं होता। ऐसे में आज के युवाओं का प्रमुख मुद्दा भ्रष्टाचार है। इसे दूर करने के लिए बेहतर कार्ययोजना और संसाधनों की कमी दूर की जानी चाहिए।
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छोटे छोटे काम के लिए विभिन्न विभागों में बार बार चक्कर काटने की परेशानी आम हो गई है। इन परेशानियों से निजात दिलाने के लिए विभाग के कर्मचारियों को सुविधा शुल्क दी जाती है तो तुरंत काम हो जाता है। इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने से ही लोगों का विश्वास सरकारी विभागों के प्रति बढ़ेगा।
-रविकांत, रेवाड़ी।
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मेरी नजर में प्रमुख मुद्दा सरकारी विभागों में सुविधाओं और संसाधनों की कमी है। इन्हें दूर किया जाए तो न केवल आम लोगों को बार बार कार्यालयों के चक्कर काटने की परेशानी से निजात मिलेगी बल्कि लोगों का विश्वास भी सरकारी विभागों के प्रति बढ़ेगा। इसके लिए ठोस नीति बनाई जानी चाहिए ताकि शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों का भी विकास हो सके और इसका लाभ युवाओं को अधिक से अधिक मिल सकेगा।
-प्रीतम, पांचौर।