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उपमंडल बनने के 26 साल बाद भी नगर पालिका का इंतजार

By Edited By: Published: Fri, 29 Aug 2014 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 29 Aug 2014 03:46 PM (IST)

जानर: बड़ा मुद्दा

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फोटो संख्या, 7, 8, 9, 10

-ग्राम पंचायत दे चुकी है प्रस्ताव, लेकिन नहीं हुआ गंभीर प्रयास

-मांग उठने के बाद स्थानीय लोगों को निराशा ही हाथ लगी

संवाद सहयोगी, कोसली : यूं तो पिछले दस वर्षो में कोसली की 'सूरत' काफी बदली है, लेकिन वर्षो से चली आ रही एक मांग की हसरत अभी भी अधूरी है। उप मंडल का दर्जा मिलने के 26 साल बाद भी कोसली में नगर पालिका का गठन नहीं हो पाया है। विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा भी अब प्रमुख हो गया है। हर स्तर पर यह मांग उठने के बाद स्थानीय लोगों को निराशा ही हाथ लगी है।

जिले का कोसली कस्बा रोहतक संसदीय क्षेत्र में होने के कारण यहां पर विकास कार्यो की कोई कमी नहीं रही, लेकिन नगर पालिका गठन जैसे अहम मुद्दों को कोई तवज्जो नहीं मिल पाई। भौगोलिक परिदृश्य तथा जनसंख्या की दृष्टि से कोसली इन सभी मापदंडों को पूरा कर रहा है लेकिन फिर भी सरकार की तरफ से पिछले दस साल से यह मामला ठंडे बस्ते में डाला हुआ है। इसकी वजह से लोगों में सरकार के प्रति नकारात्मक रवैया भी बना हुआ है। लोगों का मानना है कि नगर पालिका बनने के बाद यहां पर विकास और अधिक होगा। वर्ष में 2005 में यहां कोर्ट भी प्रारंभ हो चुकी है।

इसके अलावा इस क्षेत्र में बीएसएनएल एक्सचेंज, पुलिस स्टेशन, खेल स्टेडियम, उपमंडल कार्यालयों के लिए मिनि सचिवालय भवन, लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग के विश्राम गृह, अनाज मंडी व किसान भवन का निर्माण हो चुका है। हुडा की ओर से टाउनशिप भी विकसित की जा रही है। इतने अधिक कार्यालय होने के बाद भी नगर पालिका का दर्जा नहीं मिलने से लोगों में मायूसी है। नपा के अभाव में यहां की सफाई व्यवस्था, बाजारों, मंडी व रिहायशी कालोनियों की हालत दयनीय है। कोसली ग्राम पंचायत यहा नगर पालिका के गठन के लिए प्रस्ताव दे चुकी है।

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'कोसली में नगर पालिका का गठन कराना स्थानीय नेताओं की जिम्मेदारी है। नगर पालिका का गठन से कस्बे की सूरत बदलेगी इसलिए इसमें अधिक देरी नहीं होनी चाहिए।'

-संजय यादव।

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'नगर पालिका के गठन की मांग वर्षो से चली आ रही है। यदि यहां के विधायक व सासद रूचि लेते तो यह कार्य अधिक मुश्किल नहीं था। विकास के लिए यहा अब नगर पालिका के गठन में देरी नही की जानी चाहिए।'

-बालकिशन।

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'नगर पालिका नहीं होने के कारण लोगों को बुनियादी सुविधाओं को मोहताज होना पड़ रहा है। सफाई के अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी बेहतर नहीं है इसलिए कस्बा के विकास के लिए नगर पालिका होनी चाहिए ताकि कोसली आदर्श शहर के रूप में विकसित हो सके।'

-सतीश जाखड़।

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नगर पालिका का गठन सबसे पुरानी मांग है। कोसली से छोटे कस्बों को नगर पालिका का दर्जा दिया जा चुका है। यहां की आबादी 20 हजार से अधिक है। आसपास के गांव शामिल करें तो यह आबादी 30 हजार से भी अधिक हो सकती है।

-यादवेंद्र यादव।


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