लीड :खस्ताहाल सड़कें ही जिले की पहचान
बड़ा मुद्दा:
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सबहेड-क्षेत्र की बेहाल सड़के बयान करती हैं लोकनिर्माण विभाग के दावों की कहानी
-नहीं नजर आती सड़कों पर खर्च की गई राशि
- खस्ताहाल सड़के बन रही हैं हादसों का सबब
फोटो: 22 एनएआर 19,26, 27, 28 व 29
दया वशिष्ठ, नारनौल: एक दशक से बदहाल पड़ी जिले की सड़कें यहां के लोगों की नियति बन चुकी हैं। सड़कों की सेहत को लेकर ना तो सरकार को प्रवाह है ना ही यहा के जनप्रतिनिधियों को, यहीं कारण है कि जिले की सड़कों पर सफर करना लोगों के लिए किसी जोखिम से कम नहीं है। हालांकि जन आक्रोष को देखते हुए विभाग ने सड़कों को सुधार के नाम पर लीपापोती तो की, परंतु उसकी उखड़ती परतें विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है।
क्षेत्र के पिछड़ेपन में यहां कि बदहाल सड़कों का भी मुख्य योगदान है। अब तो यहां की जर्जर सड़कें जिले की पहचान बन गई है। दूसरे जिले की सीमा समाप्त होने के बाद जैसे ही खस्ताहाल सड़कें शुरू होने से वाहन लड़खड़ाने लगता है तो लोगों सहज ही अंदाजा लगा लेते हैं की महेंद्रगढ़ जिला की सीमा शुरू हो गई है। जिस जिले में एक मंत्री व दो मुख्य संसदीय सचिवों के होने के बावजूद यहां की सड़कों की दशा सुधर नहीं पा रहा है।
सड़कों की सेहत को लेकर लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सड़कों को सुधारकर उन्हें दुरुस्त कर दिया गया है, जिले की ज्यादातर सड़कों का मरम्मत कार्य कर दिया गया है, बची हुई सड़कों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है। सड़कों की सेहत को लेकर विभाग के दावे सड़कों की हालत को देखकर हवा हो रहे हैं। सड़कों की खस्ता हालत विभागीय अधिकारियों के सभी दावों की पोल खोल रहे हैं। अब सवाल उठता है कि जब विभाग ने सड़कों की सेहत को सुधारने के लिए इतनी बड़ी धनराशि खर्च की है तो वो कहीं दिखाई क्यों नहीं पड़ती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सड़कों की हालत को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है, लेकिन राशि कहां खर्च की गई है, कुछ दिखाई नहीं पड़ता।
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खस्ताहाल मुख्य सड़क मार्ग:
- नारनौल से महेंद्रगढ़ सड़क मार्ग वाया नांगल सिरोही।
- नारनौल से नांगल चौधरी सड़क मार्ग।
- नारनौल-कोजिंदा होते हुए मंढाणा सड़क मार्ग।
- ढाणी बाठोठा से नीरपुर सड़क मार्ग वाया खानपुर।
- अटेली से पृथ्वीपुरा, राजपुरा होते हुए राजस्थान को जाने वाला सड़क मार्ग।
वैसे तो इन सड़कों को लेकर भी विभाग का दावा है कि इन सड़क मार्गो के सुधारीकरण व मरम्मत का काम किया जा चुका है, लेकिन सड़कों की हालत को देखकर यह कोई नहीं मान पायेगा की इन सड़कों पर सचमुच कुछ काम किया गया है। विभाग तो कुछ सड़कों का मरम्मत कार्य चलने का भी दावा कर रहा है, लेकिन मरम्मत कार्य आखिर किया कहां जा रहा है, कुछ कह पाना मुश्किल है। विभागीय दावों के अनुसार इतनी राशि खर्च किये जाने के बावजूद सड़कों की सेहत काफी खराब है।
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''क्षेत्र की सड़कों की सेहत को सुधारने के लिए काम किया जा रहा है। जिले की अधिकतर सड़कों का मरम्मत कार्य किया जा चुका है, जबकि कुछ मार्गो पर अभी काम किया जा रहा है। जल्द ही सभी मार्गो की सेहत को सुधारकर उन्हें दुरुस्त कर दिया जायेगा।
- संदीप गोयल, कार्यकारी अधिकारी, लोकनिर्माण विभाग।
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लोगी की राय:
''सड़कों की हालत काफी समय से खस्ताहाल है, जिनके कारण इन सड़कों पर चलना लोगों के लिए चुनौती बनी हुई है। खस्ताहाल सड़कों के कारण हादसों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।
- रामपाल।
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''चुनावों में जनता को लुभाकर वोट हासिल करने वाले नेताओं का सबक सिखाने की जरूरत है। हमें अपने मताधिकार की ताकत से एक अच्छे नेता का चयन करना चाहिए, जो जनता से किए हुए वादों को पूरा कर सके।
- संजय।
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''जिले की खस्ताहाल सड़कों के कारण उन पर चलना चुनौती बना हुआ है। सड़कों पर दिनभर धूल, मिट्टी व कंकर ही दिखाई देते हैं, जिसके कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें मासूम लोग जान गवां रहे हैं।
- महेश कुमार योगी।
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''चुनावों से पहले सड़क सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का दावा करने वाले नेता चुनावों के बाद ना ही जनता का हाल जानने के लिए आते हैं और ना ही सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाने का वादा पूरा कर पाते हैं।
- यशपाल चौधरी।
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